श्वसन संबंधित समस्या में बुजुर्गों के मुकाबले युवा ज्यादा पीड़ित, स्मोकिंग, प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते हर साल हो रही बढ़ोतरी – डॉ.रवि अशोक डोसी कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल

Deepak Meena
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इंदौर. वर्तमान समय में बच्चे ऑनलाइन समय ज्यादा बिताते हैं जिसके चलते खेलकूद और अन्य एक्टिविटी कम हो गई है। सिडेंटरी लाइफ़स्टाइल होने की वजह से पार्क और गार्डन में नहीं खेलने के चलते बच्चों के फेफड़ों का विकास कमजोर होता है, जिससे उन्हें आगे चलकर श्वसन संबंधित समस्या सामने आती है। पहले लोगों में इम्यूनिटी अच्छी थी तो रोगों से लड़ने के लिए दवाईयां अच्छी नही थी, आज दवाईयां है तो हमारी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है। कोविड की वजह से बीमारियों का पैटर्न बदल गया है, वहीं बदलता मौसम, इम्यूनिटी, प्रदूषण और अन्य समस्या से संबंधित ऐसे कई रोग है जो पहले 60 साल की उम्र तक देखने को मिलते थे जो अब 40 साल की उम्र में देखने को मिल रहे हैं। अगर बात श्वसन समस्या की करी जाए तो इसमें 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। आजकल लोगों में एलर्जी, सांस लेने में समस्या बढ़ती जा रही है। यह बात डॉक्टर रवी अशोक डोसी ने अपने साक्षात्कार में कही। वह शहर के प्रतिष्ठित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में श्वसन रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. श्वसन से संबंधित समस्या किस वर्ग के लोगों में ज्यादा देखी जाती है, क्या युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं

श्वसन से संबंधित समस्या में आजकल हर वर्ग का व्यक्ति पीड़ित है। हमारी ओपीडी में श्वसन समस्या को लेकर युवा वर्ग बुजुर्गो के मुकाबले ज्यादा है। आजकल हवा की नालियों का सिकुड़ जाना और कफ जमा हो जाने से ब्रोंकाइटिस रोग काफी बढ़ गया है, इसके कारणों में बाहर का खाना, स्मोकिंग, प्रदूषण और अन्य शामिल है। व्यक्ति जितनी जल्दी स्मोकिंग छोड़ता है उतनी जल्दी वह स्वस्थ हो सकता है। स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति में सीओपीडी, लंग कैंसर, श्वसन में दिक्कत और अन्य समस्या देखने को मिलती है।

सवाल. किन कारणों के चलते अनिद्रा की समस्या सामने आती है, क्या सेल फोन और गैजेट के ज्यादा इस्तेमाल के चलते यह समस्या सामने आती है

जवाब. आज से कुछ समय पहले लोगों के सोने और उठने का एक निश्चित समय हुआ करता था लेकिन आजकल ऐसा नहीं है।पहले लोग 10 बजे तक सो जाते थे, आजकल सोने और उठने का कोई शेड्यूल नही है। आज के दौर में लोग पूरी रात या देर रात तक फोन चलाते रहते हैं। ऐसे लोगों में देर रात तक फोन चलाने के चलते उनमें अनिद्रा की समस्या देखने को मिलती है, वहीं ऐसे लोग जो मोटापे का शिकार है, अल्कोहल, स्मोकिंग करते हैं, डाउन सिंड्रोम, थायरॉयड की बीमारी है ऐसे लोगों में अनिद्रा की समस्या पाई जाती है। वहीं अनिद्रा की समस्या कुछ हद तक जेनेटिक भी होती है, इसी के साथ ऐसे बच्चें जिनका वजन सामान्य से ज्यादा होना, टॉन्सिल्स और अन्य बच्चों में यह समस्या देखने को मिलती है। युवा, बुजुर्ग और बच्चों में होने वाली इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर को दिखाना चाहिए, वहीं मोबाइल फोन जैसी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए। फोन और गैजेट का ज्यादा इस्तेमाल की वजह से हमारी लाइफ पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

सवाल. श्वसन और अनिद्रा से संबंधित समस्या से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए

जवाब. बढ़ते पोलूशन और स्मोकिंग के चलन की वजह से कई लोगों में श्वसन से संबंधित समस्या सामने आ रही है वहीं कई लोगों में परागकण, डस्ट, फूल और अन्य चीजों के चलते एलर्जी जैसी समस्या देखी जाती है। हमें वापस अपनी रूट्स की ओर लौटना होगा। ज्यादा से ज्यादा पार्क विकसित करने होंगे, पेड़ पौधे लगाने होंगे ताकि बच्चे और बड़े वहां शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित एक्टिविटी कर सकें और स्वच्छ सांस ले सके। इसी के साथ बात अगर अनिद्रा की बात की जाए तो हमें अपने सोने और उठने का समय सुनिश्चित करना होगा वही गैजेट के बढ़ते इस्तेमाल पर रोक लगानी होगी।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है

जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज और डीटीसीडी में मास्टर एमवायएच इंदौर से किया है। इसके बाद यशोदा हॉस्पिटल सिकंदराबाद में डीएनबी की पढ़ाई पूरी की। मैने ब्रोंकोस्कॉपी, निद्रा रोग, एलर्जी से संबंधित फेलोशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने शहर के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल अरविंदो हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी है, वही वर्तमान में मैं शहर के प्रतिष्ठित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।