बटुक क्रिकेट प्रतियोगिता
इस विशेष क्रिकेट टूर्नामेंट का नाम “बटुक क्रिकेट प्रतियोगिता” रखा गया है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी किसी पेशेवर टीम से नहीं बल्कि धार्मिक कर्मकांडी ब्राह्मणों के रूप में हैं, जो खेल के मैदान में कुर्ता और धोती पहनकर रनों के लिए दौड़ते हैं। इस टूर्नामेंट को और भी खास बनाने के लिए, इसका आयोजन भोपाल के अंकुर खेल मैदान पर किया जा रहा है, जहां 10 ओवर के मैच खेले जा रहे हैं। टूर्नामेंट की शुरुआत भी पारंपरिक विधि से हुई, जिसमें मंत्रोच्चारण किए गए, जो इसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव बना रहे हैं।
10 ओवर के मैच, संस्कृत में कमेंट्री
हर मैच में 10 ओवर की अवधि होती है और खिलाड़ी मैदान में अपना पूरा दमखम लगा रहे हैं। जहां एक ओर खिलाड़ी धोती और कुर्ता पहनकर खेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस टूर्नामेंट की कमेंट्री संस्कृत में हो रही है, जो इसकी विशेषता को और बढ़ाती है। संस्कृत में कमेंट्री न केवल एक संस्कृति के संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि यह एक नया अनुभव भी प्रदान करता है।
16 टीमें और रोमांचक पुरस्कार
इस टूर्नामेंट में कुल 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जो भोपाल, जबलपुर, रायसेन, विदिशा और नरसिंहपुर जिलों से आई हैं। प्रत्येक टीम का उत्साह इस अनोखे खेल के माध्यम से अपनी संस्कृति को जीवित रखने का है। विजेता टीम को 21 हजार रुपये का नगद पुरस्कार मिलेगा, इसके अलावा विजेता टीम के सभी खिलाड़ी को प्रयागराज महाकुंभ मेले में ले जाया जाएगा, जहां वे संगम में डुबकी लगाएंगे, जो एक धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा होगी।
उपविजेता टीम को मिलेगा विशेष इनाम
इसके अलावा, उपविजेता टीम को भी 11 हजार रुपये का नगद इनाम दिया जाएगा। इस पुरस्कार के अलावा, टूर्नामेंट के आयोजन ने स्थानीय खिलाड़ियों को एक नई पहचान दी है और साथ ही यह भी साबित किया है कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा का नाम नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक हो सकता है।
इस टूर्नामेंट ने न केवल क्रिकेट को एक नया रूप दिया है, बल्कि यह भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में एक नए उत्साह का संचार कर रहा है। स्थानीय लोग इस टूर्नामेंट में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं और साथ ही इस खेल के माध्यम से अपने पारंपरिक पहनावे और संस्कृतियों को भी सम्मान दे रहे हैं।