Zomato CEO Deepinder Goyal Job Offer: जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने अपनी कंपनी में चीफ ऑफ स्टाफ के पद के लिए एक अनोखा जॉब ऑफर जारी किया है, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। यह जॉब ऑफर गुरुग्राम स्थित जोमैटो हेडक्वार्टर से जुड़ा हुआ है, और इसकी शर्तें सुनकर लोग हैरान हो गए हैं।
पहले साल में बिना वेतन और भारी फीस का भुगतान
जोमैटो द्वारा घोषित इस जॉब के लिए कंपनी ने एक चौंकाने वाली शर्त रखी है। पहले साल के दौरान चयनित कैंडिडेट को कोई वेतन नहीं मिलेगा, और इसके अलावा, उम्मीदवार को 20 लाख रुपये की भारी फीस का भुगतान करना होगा। हालांकि, जोमैटो ने यह वादा भी किया है कि पहले साल में उम्मीदवार की पसंद के चैरिटी को 50 लाख रुपये दान किए जाएंगे। इसके बाद, दूसरे वर्ष से उम्मीदवार को 50 लाख रुपये या उससे अधिक का वार्षिक वेतन मिलेगा।
नौकरी के लिए अनुभव की आवश्यकता नहीं
दीपिंदर गोयल ने स्पष्ट किया कि इस पद के लिए उम्मीदवार का अनुभव कोई मायने नहीं रखता। वे ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं जो जमीन से जुड़ा हो और उसमें बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स हों। उनका कहना है कि यह पद रिज़्यूमे बनाने या वित्तीय लाभ कमाने के लिए नहीं, बल्कि सीखने और जोमैटो तथा उसकी सहायक कंपनियों के भविष्य में योगदान देने के लिए है।
वेतन की कमी और भारी फीस पर उठे सवाल
Update: I am looking for a chief of staff for myself. pic.twitter.com/R4XPp3CefJ
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) November 20, 2024
जोमैटो के इस जॉब ऑफर के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। कई यूजर्स ने इस ऑफर को “शोषणकारी” बताया है। एक यूज़र ने लिखा, “वे 20 लाख रुपये की भारी फीस का भुगतान करने के बाद भूखे रहेंगे।” कुछ अन्य ने भी इस पर सवाल उठाए, खासकर पहले साल में वेतन न मिलने और भारी फीस के बारे में। एक यूज़र ने कहा, “यह एक बुरा विचार है। तीन महीने बाद अगर उम्मीदवार सही नहीं निकला, तो वह व्यक्ति बहुत सारा पैसा खो देगा और सिर्फ खराब अनुभव ही मिलेगा।”
सीईओ का जवाब: योग्य कैंडिडेट की तलाश
Update: I am looking for a chief of staff for myself. pic.twitter.com/R4XPp3CefJ
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) November 20, 2024
दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया पर दिए गए एक कमेंट का जवाब देते हुए कहा कि जोमैटो केवल एक योग्य कैंडिडेट को चुनना चाहता है, न कि 100 उम्मीदवारों को टेस्ट करना। उनके मुताबिक, यह जॉब ऑफर उन लोगों को आकर्षित करने के लिए था जो सीखने में निवेश करने के इच्छुक हों और जोमैटो के विकास में योगदान देने की इच्छा रखते हों।
अनोखी पहल या शोषण?
जोमैटो का यह जॉब ऑफर एक अनोखी पहल मानी जा सकती है, लेकिन इसके द्वारा दी गई शर्तों ने इसे विवादित बना दिया है। फिलहाल, यह देखना होगा कि कंपनी इस आलोचना के बाद अपनी रणनीति में कोई बदलाव करती है या नहीं।