धर्मेंद्र पैगवार
सभी को पता है यह संकट की घड़ी है। हर शहर और कस्बे में हालात खराब हैं और अभी जरूरत मानवता की सेवा करने की है। यही सबसे बड़ी पूजा और इबादत है। समाज में बहुत सारे लोग इस काम में लगे हैं। मैं दो लोगों का जिक्र कर रहा हूं पहले हैं प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा।
उन्होंने भोपाल के विश्राम घाटों की हालत को देखते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझी और पिछले 3 दिनों से एक काम में जुट गए। वे अपने खुद के संसाधन से भोपाल और आसपास के इलाकों से अभी तक 21 ट्रक लकड़ी बुला चुके हैं और यह पूरी लकड़ी भदभदा विश्राम घाट को दान कर दी है। लकड़ी लोडिंग व अनलोडिंग करने के लिए मजदूरों की टीम भी वो खुद लेकर आए यह काम वह नियमित कर रहे हैं।
इसी के साथ उन्होंने एक बहुत अच्छा काम यह शुरू किया है कि भोपाल के अस्पतालों में जो लोग इलाज करा रहे हैं उनमें से बड़ी संख्या में लोग बाहर के हैं या उनके घर भोपाल में ही दूरस्थ जगहों पर है। ऐसे मरीजों के परिजनों के लिए सुबह और शाम भोजन के पैकेट लेकर अस्पतालों में जा रहे हैं और अस्पतालों के बाहर जो परिजन मिल रहे हैं उन्हें भोजन करा रहे हैं। अन्य राजनेता सामाजिक कार्यकर्ता भी किस काम से प्रेरणा ले सकते हैं।
दूसरे हैं एडिशनल एएसपी शशांक गर्ग। उनकी पोस्टिंग अभी फील्ड में नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इंडिया कोविड हेल्प नामक एक ग्रुप बनाया है। भोपाल इंदौर जबलपुर में उनके जितने संपर्क और व्यक्तिगत मित्र हैं उन्हें जोड़कर लोगों को ऑक्सीजन जरूरी दवाएं प्लाज्मा और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने तक का काम उनकी हर टीम कर रही है। कुछ लोगों को कौन सी अस्पताल में जगह है बे कहां जाएं और क्या उपाय अपनाएं इस काम में भी गर्ग अपने दोस्तों के साथ लगे हुए हैं।
यह काम सिर्फ आलोक शर्मा और शशांक गर्ग का नहीं है अभी पूरी समाज को एकजुट होकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार जिस तरीके से भी हो सके कोविड को रोकना है और जो पीड़ित है यह परेशान हैं उनकी मदद करना है। आप भी इस तरह का कोई काम कर सकते हैं जो जहां है वह अपनी जिम्मेदारी निभाता रहे और कुछ नहीं तो जरूरी सूचनाएं जिसमें किसी को प्लाज्मा दवाई अस्पताल की जरूरत हो इस तरह के मैसेज जरूरी जगह पर पहुंचते रहें।