दिनभर इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाते हो, यह चीजें खाने को नहीं देगी, अपनों के तानों को तारीफ में बदला, नतीजा आज indoreshahar पेज के 99 हज़ार फॉलोवर, एडमिन शुभम निहाल सिंह सिसोदिया

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इंदौर। आज तो इंस्टाग्राम और दुसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का काफी क्रेज है. पहले इतना सब कुछ नहीं था. जब नौकरी चली गई और पेज पर काम करने लगा तो मेरे कुछ अपने लोगों के ताने सुनने को मिलते थे. वह कहते थे, कि इंजीनियरिंग करने के बाद यह क्या कर रहे हो, यह सब चीजें खाने को नहीं देगी। मैने एक चीज उस दौरान यह सीखा की आप लोगों के तानों को तारीफ में बदल दो, यही आपकी सफलता है, और हुआ भी यही.

आज वह लोग खुद आकर कहते हैं कि हमें गर्व है, मेरे लिए अपने काम को लोगों को बताना और समझाना मुश्किल था, कि में करता क्या हूं. जब बताता था कि में इंस्टा पर रील बनाता हूं, तो उनका अगला सवाल होता था, कि यह तो ठीक हैं, इसके सिवा क्या करते हो। लोग इस काम को कम नहीं समझते थे। लेकिन घरवाले हमेशा साथ खड़े रहे. यह बात शहर में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट indoreshahar से शहर में सुर्खियां बटोरने वाले शुभम निहाल सिंह सिसोदिया ने कही। महज 4 सालों में उनके इंस्टा अकाउंट पर 99 हज़ार से ज्यादा फॉलोअर हैं। वहीं फेसबुक और यू ट्यूब पर भी indoreshahar के नाम से पेज हैं जिसके काफी फॉलोअर हैं।

सवाल. आप किस प्रकार की रिल्स बनाते हैं, ज्यादा फोकस किस सेक्टर पर है
जवाब. हम ज्यादातर धार्मिक रील्स बनाते हैं। जिसमें सप्ताह के हर दिन को भगवान को समर्पित किया हैं, जिसमें सोमवार को भगवान शिव जी, मंगलवार को भगवान हनुमान जी, बुधवार को भगवान गणेश जी, गुरुवार को गुरुद्वारा से संबंधित, शुक्रवार को माता रानी, शनिवार को भगवान शनि महाराज, और रविवार को शहर के खान पान और अन्य चीजों पर फोकस रहता है, इसी के साथ इंदौर की प्राकृतिक और रियासतकालीन धरोहर, शहर की संस्कृति, शहर का खान पान, ट्रेफिक और अन्य अवेयरनेस प्रोग्राम, सामाजिक कार्य, नौकरी के इस्तेहार, गुमशुदा की जानकारी, प्रशासन की आम जनता से अपील, गरीबों की मदद और अन्य प्रकार की रील फ्री ऑफ कॉस्ट तैयार कर पोस्ट की जाती हैं। और अब में शहर और इसके आसपास के लगभग 1 हज़ार मंदिर के इतिहास, मान्यताओं और खूबी लोगों के सामने लाऊंगा। में रोज़ाना 10 से ज्यादा वीडियो पेज पर अपलोड करता हूं।


सवाल.कॉविड के दौरान जॉब जाने के बाद आर्थिक बोझ महसूस हुआ
जवाब. में एक किसान परिवार से हूं, जब कॉविड में नौकरी चली गई तो मन में लगता था कि जॉब नहीं हैं, लेकिन फैमिली ने हमेशा मदद की और हमेशा हौंसला बढ़ाया। मन कभी हताश होता तो घरवालों और दोस्तों से बात कर लेता वह हमेशा मेरे साथ खड़े रहते और मुझे मोटिवेट करते थे।

आज पापा कहीं जाते हैं तो लोग उनसे पूछते हैं कि आप शुभम के पिताजी हैं, और जब वह घर आकर बताते हैं, तो मुझे काफ़ी गर्व महसूस होता हैं। बीच में एक खबर आई थी कि आज से इंस्टाग्राम बंद हो जाएगा, तब मैने एक पोस्ट की थी, कि देख लीजिए, indoreshahar इंस्टा पेज के ऑनर यह हैं, इंस्टा तो बंद नहीं हुआ लेकिन पूरे सालभर मैसेज और कॉल आते रहे, उनमें से कई दोस्त, रिश्तेदार और परिचित थे जो यह कह रहे थे, कि यह तुम्हारा पेज हैं हमें तो पता ही नहीं था। में इंस्टा अकाउंट के फॉलोवर को फॉलोवर नहीं मानता, वह एक तरह से मेरी फैमिली का हिस्सा हैं, में किसी का मैसेज आने पर हमेशा मदद को तैयार रहता हूं। हैं. हमने अभी तक इंस्टा पर लगभग 8 हजार वीडियो पोस्ट की हैं, जिसमें शिवाजी वाटिका वाली रील पर 33 मिलियन व्यूज हैं, वहीं दूसरी वीडियो पर 10 मिलियन तक व्यूज है।

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सवाल.आपने एजुकेशन फील्ड में कहां से और किस क्षेत्र में शिक्षा हासिल की हैं
जवाब. मैने इंजीनियरिंग की पढ़ाई मालवा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से पूरी की। कुछ समय बाद डिजिटल मार्केटिंग की तरफ रुख किया, खुद से डिजिटल मार्केटिंग सीखी इसके बाद एक स्टार्टअप में नौकरी शुरू की। जॉब के साथ अपना पेज क्रिएट किया और इस पर काम करना शुरू किया, जॉब के साथ पेज पर समय नहीं दे पाते थे, काफी व्यस्त दिनचर्या थी. लेकिन इसे कंटिन्यू रखा. लेकिन कॉविड आने से वह स्टार्टअप बंद हो गया। नौकरी चली गई, लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी मैने कॉविड के फ्री टाइम को अपने पेज पर दिया। कॉविड खत्म होने के बाद दौबारा जॉब ज्वॉइन कर ली। दिनभर की व्यस्तता के कारण पेज को समय नहीं दे पा रहा था, फिर पिछले साल जॉब छोड़कर अपनी पूरी मेहनत और समय जॉब में लगा दी।

सवाल.कॉविड के दौरान आपने अपने पेज पर किस प्रकार की सामग्री पोस्ट की
जवाब.कॉविड के दौरान सब जगह त्राहि त्राहि मची थी. सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर नेगेटिव खबरों का अंबार लगा था. मैंने यह जाना कि अगर हमारी मनुस्थिति अच्छी होती हैं, तो परिस्थिति अपने आप बेहतर हो जाती हैं। और हमने यह तय किया की हम अपने पेज के माध्यम से लोगों में पॉजिटिविटी लाएंगे. मैने उस दौरान सारी न्यूज को क्रॉस चेक कर फेक मैसेज को एक्सपोज़ कर लोगों तक पहुंचाया, वहीं सिलेंडर और कॉविड से संबंधित दवाइयों में हो रही कालाबाजारी की लीड मिलने पर उसे लोगों के सामने रखा. इसी के साथ उस दौरान जो बेहतर कार्य कर रहे एनजीओ,सामाजिक कार्यकर्ता, ग्रुप, और अन्य लोगों के काम को प्रोत्साहित किया। जब लोग यह बता रहे थे कि आज 200 लोग कॉविड पॉजिटिव हुए वहीं में यह बताता था कि आज इतने लोग ठीक हुए।

सवाल.दिन की शुरुआत कैसे होते हैं, और क्या टारगेट रहता हैं।
जवाब.सुबह सात बजे से दिन की शुरुआत करता हूं, और एक लिस्ट बनाकर यह प्लान तैयार करता हूं, कि आज क्या करना हैं. शहर के हर क्षेत्र में जाकर वहां की खूबसूरती और खासियत को अपने कैमरे में कैद करता हूं, इसके बाद खुद वीडियो को एडिट, वॉइसओवर और अपलोड करता हूं. साथ ही पुरानी वीडियो के कंटेंट और अन्य चीजों पर स्टडी करके यह पता लगाता हूं कि इसमें क्या कमियां रही। हर रोज़ कुछ नया सीखकर उस पर प्रयोग करता हूं।

कभी कभी तो रात के 2 बजे तक भी अपने पेज पर कार्य करता हूं, ताकि में लोगों को एक बेहतर कंटेंट दे सकूं। मेरे साथ मेरे दोस्त और कुछ फ्रीलांसर भी कार्य करते हैं, अब जल्द ही में अपनी एक टीम तैयार कर मार्केट में और बेहतर करूंगा। शुरुआत में फोन छोटा था इस वजह से कैमरा क्वालिटी डल आती थीं। फिर खुद से यह तय किया की हार्ड वर्क कर इतना करना हैं कि एक बेहतर फोन हो और आज बेस्ट कैमरा और महंगे फोन से अच्छी वीडियो बना रह हूं।