तुम मुझे आईडिया दो – मैं तुम्हें अवसर दूंगा – CM शिवराज

Mohit
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इंदौर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज इंदौर में आयोजित स्टार्टअप कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुये कहा कि देश में अमृत महोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। आज हम जो भी करेंगे उससे देश की दिशा तय होगी। भारत की स्टार्टअप क्रांति देश को नई ऊंचाइयां तथा नई पहचान दिलवाएगी। आज दस हजार से अधिक स्कूलों में 75 लाख से अधिका बच्चें इनोवेशन की एबीसीडी सीख रहे है। यहे स्टार्टअप की नर्सरी है। स्टार्टअप पॉलिसी इनके युवा होने पर इनकी मानसिकता में सकारात्मक बदलाव का कार्य करेगी। देश में आयोजित होने वाले हेकेथलॉन के जरिए युवाओं ने चैलेंज स्वीकार किया है। यह स्टार्टअप का लाँचपेड बना हुआ है। इसके माध्यम से 15 लाख युवा स्टार्टअप बिजसनैस से जुड़ रहे हैं। इससे युवाओं को पर्पज ऑफ लाइफ मिली है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, सांसद श्री शंकर लालवानी, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष श्रीमती इमरती देवी, राज्य अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष श्री सावन सोनकर, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चावड़ा, डॉ. निशांत खरे तथा विधायकगण उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए आइडियास से समाधान की ललक भारत में हमेशा से रही है। पूर्ववर्ती शासन काल में नीति के अभाव में इस दिशा में प्रगति दृष्टिगोचर नहीं हुई थी। वर्ष 2014 के बाद स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित कर सही दिशा में प्रयास किये गये। सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया। इनोवेशन के लिये माइंड सेट में परिवर्तन किया गया। युवाओं के सामर्थ्य पर भरोसे ने चैलेंज स्वीकार किया। ईको सिस्टम डेवलप किया गया। आज केवल जेम पोर्टल के जरिए, जिसमे सरकार खरीदार बनी है के तहत 13 हजार से अधिक स्टार्टअप जुड़े हैं। इन्होंने लगभग साढ़े 6 हजार करोड़ रूपये का बिजनेस किया है। स्टार्टअप क्रांति हमेशा ही भविष्य की बात करती है। एनर्जी, पर्यावरण, टूरिज्म हो या कुटीर उद्योग की ब्रांडिंग तथा मार्केटिंग, मोबाइल गेमिंग, खिलौना उद्योग हो ये सभी स्टार्टअप की बड़ी संभावनाओं वाले क्षेत्र है। देश में स्टार्टअप का तेजी से फैलाव हो रहा है। स्टार्टअप युवाओं के सपने पूरा करने का सशक्त माध्यम है।

उन्होंने मध्यप्रदेश की नई स्टार्टअप नीति की सराहना करते हुये कहा कि यह जो प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति है उतना ही परिश्रमी नेतृत्व भी है। इससे प्रदेश के चहुमुखी विकास को नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश सरकार के स्टार्टअप इको सिस्टम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में नए युनिकॉर्न तेजी से बन रहे हैं। हर आठ से दस दिन में एक स्टार्टअप युनिकॉर्न में परिवर्तित हो रहा है। शून्य से युनिकॉर्न बनने का सफर चुनौतीपूर्ण तथा कठिन होता है। युवाओं ने इस चुनौती को स्वीकार किया है। स्टार्टअप का देश में तेजी से फैलाव हो रहा है। अनेक राज्यों एवं छोटे-छोटे शहरों तक स्टार्टअप का फैलाव हो गया है। स्टार्टअप में 50 से अधिक अलग-अलग तरह की इंडस्ट्रीज जुड़ी हुई है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इंदौर में हुये स्वच्छता कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि इससे इंदौर की नई पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि इंदौर अब केमिकल मुक्त तथा प्राकृतिक खेती की दिशा में भी कार्य करे और देश का मॉडल बने।

समारोह में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश की स्टार्टअप नीति लाँच की। उन्होंने स्टार्टअप पोर्टल की लॉन्चिंग भी की। इन्दौर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में संपन्न हुए स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2022 में चुनिंदा स्टार्टअप्स की सफलता की कहानियों के संग्रह का विमोचन भी हुआ। प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा नई स्टार्टअप नीति के तहत लाभांवित 6 नए स्टार्टअप को वित्तीय सहायता वितरित की गई। उल्लेखनीय है कि स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिये नई स्टार्टअप नीति में स्टार्टअप को वित्तीय मदद देने का प्रावधान है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा कुल 16 स्टार्टअप को वित्तीय मदद स्वीकृत की गई है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने युवाओं से कहा कि तुम मुझे आईडिया दो मैं तुम्हें अवसर दूंगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के पास इनोवेटिव आइडिया है। क्षमता, योग्यता और सही राह पर चलने का माद्दा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अगर अवसर, सहयोग तथा प्रोत्साहन मिल जाए तो वे बेहतर कार्य इस दिशा में करेंगे। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की दिशा में बैंगलोर और हैदराबाद को भी पीछे छोड़ देंगे। हमारा सौभाग्य है कि देश का नेतृत्व श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों में है। भारत इनके नेतृत्व में विश्व में सिरमौर बना है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये तेज गति से कार्य किये जा रहे हैं। स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिये नई नीति लाई गई है। नया पोर्टल बनाया गया है। अब नई कंपनी बनाने पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी को कम किया जा रहा है। बेहतर इको सिस्टम बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिये हर माह रोजगार मेला आयोजित करने का सिलसिला प्रारंभ किया गया है। इससे लाखो युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। स्टार्टअप की दिशा में युवा नई उड़ान भरने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इंदौर के साथ ही अब भोपाल और अन्य शहरों को भी स्टार्टअप हब बनाने के लिये गंभीरता से प्रयास होंगे। उन्होंने इंदौर में इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर पर स्टार्टअप विलेज बनाने तथा इनोवेशन लैब बनाने की बात भी कहीं।

सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि नई स्टार्टअप नीति मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री चौहान के संकल्प को साकार करने के लिये यह नीति अल्प समय में ही तैयार की गई है।

सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव श्री पी. नरहरि ने एमपी स्टार्टअप नीति की जानकारी दी।
केन्द्र शासन के डीपीआईआईटी के सचिव श्री. अनुराग जैन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिये विभिन्न योजना और कार्यक्रमों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में स्टार्टअप पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के चुनिंदा स्टार्टअप्स के साथ संवाद किया। श्री मोदी ने स्टार्टअप ग्रामोफोन के श्री तौसीफ खान, उमंग श्रीधर डिज़ाइन प्रायवेट लिमिटेड की सुश्री उमंग श्रीधर तथा शॉप किराना ई-ट्रेडिंग प्रायवेट लिमिटेड के श्री तनुतेजस सारस्वत से संवाद किया। श्री मोदी ने इनके प्रयासों को सराहा और आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किया।

स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2022 में सरकारी और निजी क्षेत्र के नीति निर्माता, इनोवेटर्स, केंद्र और राज्य के प्रशासक, स्टार्टअप्स, संभावित उद्यमी, स्टार्टअप इकोसिस्टम के सभी स्तंभ और जन-प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें प्रमुख रूप से शिक्षाविद, निवेशक, मेंटर्स और देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम के अन्य सभी हितधारकों की भी सहभागिता रही।