इंदौर। योग तन की क्रियाओं से मन को जोड़ता है योग की एक क्रिया से शरीर में अनेक फायदे होते हैं योग हमारे शरीर में किसी बीमारी को खत्म तो नहीं करता है लेकिन योग का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके नियमित रूप से करने से बीमारी को बढ़ने भी नहीं देता है। इसी के साथ कई बार हम यह मान लेते हैं कि चाय और अन्य पदार्थ हमारी एनर्जी को बढ़ाते हैं। वह हमारी एक मेंटालिटी बन गई है इसी को अगर हम योग की मदद से बढ़ाना चाहे तो हम एनर्जी को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं। कोई एनर्जी ड्रिंक लेने पर शारीरिक सुख की अनुभूति हो सकती है लेकिन योग करने से शारीरिक और मानसिक रूप से फायदा मिलता है। योग आत्मा और परमात्मा का मिलन है इसे करने पर जो अनुभूति होती है वह शायद ही किसी काम को करने पर होगी। यह बात डॉ संजय माहेश्वरी ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह पिछले 13 सालों से शहर में योग की मदद से लोगों को मानसिक और शारीरिक बीमारियों से राहत देने में मदद कर रहे हैं।
सवाल. क्या डायबिटीज से संबंधित समस्या को योगासन की मदद से ठीक किया जा सकता
जवाब. आमतौर पर लोगों में जब डायबिटीज की समस्या होती है तो इसे काफी हद तक योग की मदद से कम किया जा सकता है बात अगर डायबिटीज की करी जाए तो डायबिटीज दो प्रकार की होती है इसमें पहले प्रकार में जन्म से ही उस व्यक्ति में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया नहीं होती है। वही दूसरी प्रकार की डायबिटीज में 30 से 40 की उम्र तक आते-आते पैंक्रियास धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं इस वजह से डायबिटीज की समस्या आती है जिस वजह से शुगर का लेवल ब्लड में बढ़ जाता है। योग में सात प्रकार की श्रंखला के तहत इस समस्या से राहत मिलती है जिसमें सबसे पहले रिलैक्सेशन उसके बाद ताड़ासन, वृक्षासन, सूक्ष्म व्यायाम, दंडासन, अर्धमत्स्येंद्रासन और अन्य आसन करवाए जाते हैं। रोजाना 40 से 45 मिनट योग और 15 मिनट प्राणायाम करने से डायबिटीज की समस्या से निपटने के लिए काफी ज्यादा मदद मिलती है।
सवाल. स्लिप डिस्क से संबंधित समस्या को योगासन की मदद से ठीक किया जा सकता है
जवाब. स्लिप डिस्क से संबंधित समस्या की अगर बात की जाए तो इसमें आम तौर पर एल 4, एल 5 जैसी समस्या देखने को मिलती है। कई बार लोगों में रीड की हड्डी की समस्या से बेड रेस्ट और अन्य समस्या देखने को सामने आती है। जब स्लिप डिस्क से संबंधित समस्या लेकर पेशेंट हमारे पास आते हैं तो हम उन्हें योग आसन करवाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेकर उसको उसी के अकॉर्डिंग योगासन करवाते हैं। योग के संबंधित आसन में जब गद्दी फैल रही होती है तो खिंचाव वाले आसन कम करने होते हैं वही जब गद्दी सिकुड़ रही होती है तो दबाव वाले आसन ज्यादा करने होते हैं। इसमें बैठकर ताड़ासन, कोणासन, त्रिकोणासन, सुप्त कोणासन और अन्य आसन की मदद से पेशेंट को काफी ज्यादा राहत मिलती है इसे रोजाना लगभग 45 मिनट तक योग और 15 मिनट का प्राणायाम करना शरीर के लिए लाभदायक रहता है
सवाल. एनर्जी बढ़ाने के लिए बूस्ट अप आसन कितना फायदेमंद है
जवाब. इसी के साथ में बूस्टअप एनर्जी के लिए भी योगासन करवाता हूं। इसकी मदद से दिनभर शरीर में एनर्जी बनी रहती है। इस आसन में योगिक श्वसन क्रिया, सूक्ष्म आसन के तहत गर्दन कमर और बॉडी के अन्य मूवमेंट पर फोकस किया जाता है। बूस्ट अप के लिए योग आसन करने से व्यक्ति के शरीर में दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है जोकि बहुत ज्यादा शरीर के लिए फायदेमंद है।
सवाल. क्या आपने योग से संबंधित कोई डिग्री हासिल की है
जवाब. एजुकेशन में मैंने बीकॉम के बाद एमकॉम, एमबीए, योग में एम ए, साइकोलॉजी में मैं अभी वर्तमान में मास्टर कर रहा हूं।मैंने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम 7 साल तक किया। इसके बाद मैंने मैनेजमेंट और बीबीए के कोर्स में टीचिंग में अपना काम शुरू किया जिसमें मैंने शहर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी है अभी वर्तमान में बीएम इंस्टीट्यूट में प्राचार्य की पोस्ट पर पदस्थ हूं।