नई दिल्ली। बारिश का पानी दिल्लीवासियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। उत्तराखंड के पहाड़ों और पश्चिम उत्तर प्रदेश व हरियाणा के यमुना कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश का असर दिल्ली में दिख रहा है। लगातार तेज बारिश के चलते यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। आज सुबह पुरानी दिल्ली रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 207 मीटर पार कर गया। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में पानी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।
यमुना में बढ़ते जलस्तर को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। बताया जा रहा है कि, दिल्ली सचिवालय में 4 बजे इमरजेंसी मीटिंग होगी। बैठक में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से कहा कि हम हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
पुरानी दिल्ली रेलवे ब्रिज पर आज सुबह 5 बजे यमुना का जलस्तर 207.08 रिकॉर्ड दर्ज किया गया, जबकि 7 बजे बढ़कर ये जलस्तर 207.18 पर पहुंच गया। यमुना में इससे पहले ये हालात 1978 में बने थे जब अधिकतम जलस्तर 207.49 दर्ज हुआ था। दिल्ली में लगातार हो रही तेज बारिश को देखते हुए अधिकारियों ने मंगलवार को ही इसकी चेतावनी दी थी कि यमुना नदी अपने उच्चतम रिकॉर्ड को दर्ज कर सकती है।
यमुना नदी के उफान पर जाने से दिल्ली के कई इलाकों के साथ-साथ कश्मीरी गेट के मोंस्टी मार्केट में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, दिल्ली की यमुना नदी खतरे के निशान से 1.36 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं नदी के उफान को कम करने के लिए ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। बता दे कि दिल्ली में पिछले 2 दिनों में यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी के चलते सोमवार की रात को ही रेल यातायात के लिए पुराने रेलवे पुल को भी बंद कर दिया गया है।
यमुना नदी के उफान पर आने से कई निचले इलाके प्रभावित हुए है। यहां राहत और बचाव कार्य के लिए 45 नावों को तैनात किया गया है। फिलहाल युमना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 41 हजार लोगों को सुरक्षित अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। जैसे ही नदी का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर पहुंचेगा, निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा।