World Poetry Day: इंसान की उम्र होती सौ वर्ष लेकिन कविता की उम्र कई हजार वर्ष होती है

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हर व्यक्ति के जीवन में कवितायें एक महत्वपूर्ण किरदार निभाती है। चाहे वो बचपन में किताबों में पढ़ी हो या फिर अखबारों में पढ़ी हो। कुछ कविताएं दिल के नज़दीक होती है तो कुछ जीवन जीने का तरीका सीखा देती है। कभी कुछ कविताये हमारा उत्साहवर्धन करती हैं तो कुछ हमें जीवन के बड़े बड़े पाठ सरलता से समझा देती हैं। जो हम तीन पन्नो में नहीं कह पाते,कविताये कुछ शब्दों में वो कह देती है।
एक कवि के लिए उसकी रचना उनके बच्चे के समान होती है। जिसको वो रात-रात भर जाग कर पूरा करते है। एक कवि को अपनी रचना को सँवारने में जाने कितनी ही रातें बीत जाती है। भले ही इंसान की उम्र सौ वर्ष होती है, लेकिन कविता की उम्र कई हजार वर्ष होती है। और इसी वजह से कवितायें इंसान को अमर बना देती है।

आज इस ख़ास दिन पर ‘उदयन बाजपेयी’ की यह कविता पढ़िए-
“लिखने से ही लिखी जाती है कविता
प्रेम भी करने की ही चीज़ है
जैसे जंगल सुनने की
किताब डूबने की
मृत्यु इंतज़ार की”

कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत ?
पहली बार कविताओं की भूमिका को सम्मानित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1999 में सोचा था। जिसके बाद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय कविता दिवस को अक्टूबर में मनाया गया था। जिसके बाद 21 मार्च को इसकी तारीख निर्धारित कर दी गई।

इस बार की थीम
हर साल विश्व कविता दिवस पर एक थीम रखी जाती हैं ‌। इस कविता दिवस 2023 के लिए ‘Always be a poet, even in pros’ यह थीम रखी गई हैं। जिसका अर्थ है ‘हमेशा एक कवि बनो, पेशेवरों में भी’।