खराब जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। अगर आप नाइट शिफ्ट में काम कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि, एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि नाइट शिफ्ट में काम करने से मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, पेसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन के अनुसार, रात में काम करने से शरीर में प्रोटीन का स्तर बाधित होता है। इसका रक्त शर्करा के स्तर और शरीर के ऊर्जा उपयोग पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने स्वयंसेवकों को नियंत्रित वातावरण में रखा। कुछ दिन उन्हें रात की पाली में और कुछ दिन दिन की पाली में काम करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद उनके रक्त परीक्षण का विश्लेषण किया गया। विश्लेषण में पाया गया कि रात की पाली में काम करने से शरीर में कुछ प्रोटीन के स्तर पर असर पड़ता है जो रक्त शर्करा के स्तर और ऊर्जा चयापचय को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जैविक घड़ी में समस्या
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर हंस वैन डांगेन ने कहा, हमारे मस्तिष्क में मास्टर घड़ी दिन-रात के चक्र को नियंत्रित करती है। शरीर के अन्य अंगों की भी अपनी आंतरिक घड़ियाँ होती हैं। जब रात में काम करने से ये आंतरिक घड़ियां बाधित होती हैं, तो शरीर में लगातार तनाव पैदा होता है। यही तनाव आगे चलकर मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों का कारण बनता है।