देश की सबसे टेक कंपनियों में से एक गूगल और अल्फाबेट के ऑफिस में कर्मचारियों के साथ उत्पीड़न का मामला सामने आया है, और इस बात की शिकायत लेकर कंपनी के 500 कर्मचारियाें ने कंपनी के CEO सुंदर पिचाई को खत लिखकर इस बात की जानकारी और इस बात की शिकायत की है।
दुनिया की इस इतनी बड़ी कंपनी में भी इस तरह की घटना होने के बाद कंपनी के CEO से शिकायत कर उत्पीड़काें ने अपने संरक्षण और वर्कर्स के लिए शांतिपूर्ण माहाैल देने की गुहार लगाई है।
इस बात की जानकारी गूगल कंपनी की एक पूर्व इंजीनियर एमी नेटफील्ड ने एक न्यूज़ एजेंसी के ओपिनियन पीस में यह आराेप लगाया है कि “मुझे(एमी) उस शख्स के साथ एक के बाद एक मीटिंग करने के लिए ही मजबूर किया जाता था, जाे उन्हें परेशान करता था।” एमी के आवाज उठाने के बाद यह मामला तेज़ हो गया और देखते ही देखते और भी लोग आगे आये।
इंजीनियर एमी ने आगे भी लिखा है कि – ‘मुझे परेशान करने वाला आदमी अभी भी मेरे पास बैठता है, मेरे मैनेजर ने मुझे बताया कि HR द्वारा उसके डेस्क काे नहीं बदले जाने की बात करते हुए यह कहा कि या ताे घर से काम कराे या छुट्टियाें पर चली जाओं।’ फ़िलहाल कंपनी की और से इस बात की कोई जानकरी नहीं दी गई है।
योन उत्पीड़न के इस मुद्दे पर कंपनी के अन्य कर्मचारियाें ने भी सुंदर पिचाई काे खत लिखा है जसिमे यह साफ़ कहा गया है कि- ‘अल्फाबेट के 20000 से ज्यादा कर्मियाें द्वारा याैन उत्पीड़न के खिलाफ विराेध जताने और परेशान हुए व्यक्ति काे संरक्षण देने के बाद भी अल्फाबेट में काेई बदलाव नहीं हुआ और यह गूगल के नियमाें का पालन करने में व्यर्थ रहा है।’
आगे कर्मियों ने अपने खत में लिखा है कि- ‘उत्पीड़न किए जाने के बारे में शिकायत करने वाले व्यक्ति काे बाेझ सहने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसके बाद परेशान हाेने वाला व्यक्ति ऑफिस छाेड़ देता है लेकिन दाेषी वहीं रह जाता है या उसे उसकी हरकताें के लिए पुरस्कृत किया जाता है, साथ ही उन्होंने अल्फावेट के कर्मी एक ऐसे माहाैल में काम करने की इच्छा रखते हैं, जाे उत्पीड़काे से मुक्त हाे, पीड़िताें की चिंता काे प्राथमिकता देते हुए कंपनी काे उनके कर्मियाें की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए।