इंदौर : जिले में विगत कुछ माहों में फर्नीचर क्लस्टर, टॉयज क्लस्टर, फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर, फार्मा क्लस्टर आदि स्थापित करने के लिये इच्छुक उद्योग संघों, संस्थाओं द्वारा प्रयास किये गये हैं एवं इस नीति के जारी होने से प्रमुखतः अशासकीय भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये नियम जारी कर दिये गये हैं। इस नीति के जारी होने के फलस्वरूप इंदौर जिले में क्लस्टर विकास योजनाओं के अंतर्गत क्लस्टरों के विकास की गति में तेजी आयेगी।
अब मध्यप्रदेश शासन, एमएसएमई विभाग द्वारा औद्योगिक भूमि एवं भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 18 जून 2021 लागू किये गये हैं। इन नियमों के परिशिष्ट-डी में उल्लेखित क्लस्टर विकास हेतु अविकसित भूमियों के अंतर्गत भूमि आवंटन की प्रक्रिया निर्धारित की गयी है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा औद्योगिक नीति प्रोन्नयन विभाग एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग का गठन विगत 05 अप्रैल 2016 को किया गया था। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग द्वारा विभाजन होने के उपरांत मध्यप्रदेश औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम नहीं बनाये गये थे वरन् इस अवधि तक पूर्व से प्रचलित नियम मध्यप्रदेश औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 ही अंगीकृत किये गये थे ।
मध्यप्रदेश शासन, औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन प्रबंधन नियम-2021 जो कि पूर्व में मध्यप्रदेश औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 को अधिक्रमित करते हुए जारी किये गये हैं। इन नियमों के अंतर्गत प्रदेश के समस्त औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों के आवंटन तथा नियमित की जाने वाली भूमियों को नीलामी से आवंटित किया जायेगा। साथ ही आवंटन / हस्तांतरण किये जाने वाले भूखंडों पर विकास शुल्क अधिरोपित किये जायेंगे। 500 वर्गमीटर तक के भूखंडों के आवंटन / हस्तांतरण पर प्रब्याजी में छूट 95 प्रतिशत के स्थान पर 90 प्रतिशत की गयी हैं।
भूखंडों को उनके भागीदारों के मध्यम विभाजन की अब जारी नीति अनुसार अब ऐसा पूर्ण होने के 5 वर्ष की भागीदारी उपरांत ही किया जायेगा । अविकसित भूखंडों पर विकास शुल्क एवं संधारण शुल्क पूर्व के नियम मध्यप्रदेश औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 के अंतर्गत नहीं लिया जाता था एवं वर्तमान औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम-2021 के अंतर्गत भी अविकसित भूमियों पर विकास शुल्क एवं संचारण शुल्क नहीं लिया जायेगा ।