स्त्री लेखन ने अपनी सार्थकता साबित कर दी है

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Indore: प्रसिद्ध न्यूज़ पोर्टल घमासान डॉट कॉम द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला समागम में प्रसिद्ध आलोचक राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा।

उन्होंने कहा कि कृष्णा सोबती से लेकर अमृता प्रीतम तक और उसके बाद अनेक लेखिकाओं ने अपने लेखन के माध्यम से लेखन को स्थापित किया है स्त्री लेखन की पराकाष्ठा यह है कि नोबेल पुरस्कार अब तक 16 महिला लेखिकाओं को मिल चुका है।

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महिला लेखन का महत्व दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार भी कई महिलाओं को मिले हैं आशापूर्णा देवी को तो 1976 में ही ज्ञानपीठ पुरस्कार मिल चुका था । महाश्वेता देवी को भी यह पुरस्कार मिल चुका है ।