बढ़ती उम्र के साथ साथ बिमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। आजकल के खान पान की वजह से कई तरह की बीमारियां होने लग गई है। ऐसे में महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ हार्ट डिसीज होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण खासतौर पर मेनोपॉज के बाद देखने को मिलते हैं। दरअसल, मेनोपॉज कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का कारण नहीं होता है। लेकिन इस पीरियड के दौरान यानी जब महिलाएं मेनोपॉज की स्थिति से गुजर रही होती हैं, उस समय कई ऐसे फैक्टर्स बढ़ जाते हैं, जो हृदय रोग का कारण बन सकते हैं।
कहा जाता है कि महिलाओं में इस की स्थिति 54 की उम्र में आती है। इस टाइम महिलाओं की सेहत पर रिस्क बानी हुई रहती है। बता दे कि ये सब हार्मोनल चेंजेस के कारण होता है। हालांकि महिलाओं में हार्ट अटैक्स की समस्या मेनोपॉज के लगभग 10 साल बाद देखने को मिलती है। ऐसे में महिलाओं की मौत का आंकड़ा लगातार रूप से बढ़ता ही जा रहा है।
दरअसल, विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिलाएं हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करती हैं, नियमित रूप से एक्सर्साइज करती हैं, उनमें मेनोपॉज के दौरान इन बीमारी का खतरा काफी कम होता है। बता दे कि मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को हाई फैट डायट, स्मोकिंग या कम उम्र में शुरू हुई ऐसी ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आदतें, बहुत अधिक प्रभावित कर सकती हैं।