संसद का शीतकालीन सत्र कल से यानि 7 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र से पहले केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में केंद्र सरकार ने सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा।
यह शीतकालीन सत्र 23 दिन तक चलेगा, इस सत्र के दौरान कुल 17 दिन काम होगा, वहीं बाकी दिन छुट्टी रहेगी। इस दौरान कुल 16 विधेयक संसद के दोनों सदनों में पेश किए जाएंगे। इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सत्र के दौरान विधायी कामकाज पर रचनात्मक बहस और चर्चा की उम्मीद जताई थी।
केंद्र सरकार इस सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक पेश करेगी जिसका मकसद एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग बनाना और दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को खत्म करना है। इसके अलावा वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, छावनी विधेयक, जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक और पुराना अनुदान (विनियम) विधेयक भी पेश किए जाएंगे। कांग्रेस जैविक विविधिता, बहु-राज्य सरकारी समितियां और वन संरक्षण के विधेयकों का विरोध करेगी।
विपक्ष की होगा ये रणनीति
वहीं विपक्ष ने भी सत्र के लिए अपनी योजना बना ली है और वह महंगाई, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा विवाद और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है। कांग्रेस ने कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग उठाने का ऐलान किया है। इसके अलावा वह जातीय जनगणना और संवैधानिक संस्थाओं के कामकाज में दखल का मुद्दा भी उठाएगी।
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बता दें, पिछले सप्ताह सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 16 विधेयकों की सूची जारी की थी। बैठक में सदन का कार्य सुचारू रूप से सुनिश्चित करने, सत्र के दौरान विधायी कार्यों सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो सकती है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह पहला सत्र होगा। वे राज्यसभा के सभापति के रूप में अध्यक्षता करेंगे।