मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, और विपक्ष ने राज्य सरकार के खिलाफ सदन में और सत्र के बाहर भी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी ताकत के साथ सरकार की घेराबंदी करने का निर्णय लिया है। जहां एक ओर विधानसभा में कांग्रेस विधायक सवालों के माध्यम से सरकार को घेरने की रणनीति अपनाएंगे, वहीं दूसरी ओर बाहर भी बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करेंगे।
कई मुद्दों पर कांग्रेस करेगी सरकार का घेराव
कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा घेराव के लिए 50,000 कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, और अन्य वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में यह घेराव होगा। घेराव से पहले एक जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता एकत्रित होंगे और दोपहर 12 बजे पैदल मार्च करते हुए विधानसभा का घेराव करेंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भागीदारी की उम्मीद है, जिनमें जिला अध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, और अन्य पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।
कांग्रेस विधायकों की रणनीति
कांग्रेस विधायक दल की रविवार को आयोजित बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की गई। पार्टी ने अपने विधायकों से सदन में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है और यह सुनिश्चित करने की बात कही है कि विधानसभा सत्र समय से पहले स्थगित न हो। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है, और नर्सिंग घोटाला, जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार, और राज्य के बढ़ते कर्ज को लेकर भी सवाल उठाने का निर्णय लिया है।
सरकार के खिलाफ आरोप
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने किसानों के मुद्दों, युवाओं के रोजगार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, और सरकार की भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों को लेकर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार ने महिलाओं को 3000 रुपये, रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपये में देने, MSP पर धान 3100 रुपये, गेहूं 2700 रुपये, और सोयाबीन 6000 रुपये में खरीदने जैसे वादे किए थे, लेकिन इन वादों को पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा, सरकार के कार्यकाल में किसानों को खाद नहीं मिल पाई, और सरकार के वरिष्ठ नेता विदेश यात्रा कर रहे थे जबकि देश में बेरोजगारी और समस्याएं बढ़ रही थीं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से विधानसभा सत्र के दौरान भोपाल पहुंचने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार से एक साल का हिसाब मांगेगी और इसके तहत सरकार की विफलताओं को उजागर किया जाएगा। उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों को खाद और उर्वरक की सुविधा नहीं दी, जबकि युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया। इसके अलावा, संविदा शिक्षकों के दर्द और ट्रांसफर उद्योग जैसे मुद्दे भी पार्टी के एजेंडे में हैं।
एक साल का हिसाब
कांग्रेस पार्टी का मुख्य उद्देश्य सरकार से एक साल का हिसाब मांगना है। पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार ने किसानों को खाद, बीज और अन्य सुविधाएं देने में नाकाम रही है, जबकि बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे भी गंभीर हो चुके हैं। कांग्रेस सरकार की विफलता को उजागर करने और इसके खिलाफ जनता को जागरूक करने के लिए विधानसभा सत्र और घेराव को एक अवसर के रूप में देख रही है।