इजराइल और अमेरिका का बिगड़ा रिश्ता क्या दुनिया में लाएगा नया संकट? जानें आखिर क्यों बिगड़ रहा अमेरिका और इजराइल का रिश्ता !

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अमेरिका और इजराइल के रिश्तों में इस वक्त जबरदस्त तनाव है। अमेरिका और इजराइल जिसके आपसी सम्बन्ध हमेशा से अच्छे रहे है उन दोनों देशों में तनाव की खबरों ने अब दुनिया में नई दहशत को दस्तक दी है। जानकारी के मुताबिक हालात ये हो चुके हैं कि इजराइली प्राइम मिनिस्टर बेंजामिन नेतन्याहू की और से अपने तमाम कैबिनेट मिनिस्टर्स को साफ ऑर्डर है कि वो नेतन्याहू से परमिशन के बिना अमेरिका के किसी डिप्लोमैट या मिनिस्टर से मुलाकात नहीं करें।

अमेरिका और इजराइल के रिश्तों में तनाव: चार कारण

इजराइल की कट्टरपंथी सरकार: इस्तीफा देने के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कट्टरपंथी सरकार बन चुकी है, जो कि अमेरिका के साथ बराबरी नहीं करना चाहती है। नेतन्याहू ने इजराइली पार्टियों के साथ अरब विरोधी नेताओं के साथ भी आलाक्ज़ बनाई है, जिससे उनका नेतृत्व बना रह सकता है। यह अमेरिका के साथ उसके रिश्तों को तनावित करता है, क्योंकि अमेरिका इसे प्रोडेमोक्रेटिक बदलाव करने की दिशा में प्रोत्साहित कर रहा है।

इजराइल का कड़ा नजरिया: इजराइल ने अपनी रक्षा और सुरक्षा की दृष्टि से कड़ा नजरिया बनाया है और इसे अपने राष्ट्रीय हिटलिस्ट पर वर्गीकृत किया है, जिसमें उसने अमेरिका के एक्सपोर्ट कंट्रोल अद्यादेशों का पालन नहीं किया है। यह अमेरिका को परेशान करता है क्योंकि वह इजराइल के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहा है और यह नकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है।

इजराइल के जुड़े विधायक बिल: इस्तीफा देने के बाद, इजराइली सरकार ने एक विवादित विधायक बिल पास किया है, जिसमें 2005 की डील को रद्द किया गया है जिसमें कहा गया था कि इजराइली फौज वेस्ट बैंक के एक खास हिस्से से हटेगी। यह आमरिकी और अरब देशों के साथ तनावित संबंध बना रहा है।

आरएमएफ के पर्याप्त समर्थन की कमी: नेतन्याहू सरकार ने इस प्राप्त समर्थन की कमी के बावजूद इरान के नातिक जिस्म को पुनर्निर्माण की दिशा में अग्रसर करने के लिए धीरे-धीरे कई कदम उठाए हैं, जो अमेरिका के लिए एक सुरक्षा समस्या बन चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका और इजराइल के बीच संबंधों में तनाव हो रहा है, क्योंकि अमेरिका चाहता है कि इजराइल इस प्रक्रिया को रोके।

इस तनाव के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और इजराइल के बीच संबंध को व्यापक तौर पर सुधारा जाए, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा, ग्लोबल सुरक्षा, और दिप्लोमेसी के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभाव डालता है।