शहर में आर्थोपेडिक डॉ. के लिए ऑब्जर्वशीप, कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप आयोजित करेंगे, जिसमें डॉ. को शहर के सीनियर डॉ. के मार्गदर्शन में काम और नई टैक्नोलॉजी की जानकारी मिलेगी – Dr. Milind C Shah, President AOSI

Suruchi
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इंदौर। वर्तमान परिदृश्य में लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव हुआ है जिस वजह से इसका बुरा असर हमारे शरीर पर पड़ रहा हैं। आज के दौर में जो आइटम हम खाते हैं उनमें कैल्शियम, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्व काफी कम मात्रा में पाए जाते हैं जिससे हमारी हड्डियों में कमजोरी देखने को सामने आती हैं। वहीं हमारी कार्यशैली ऐसी हो गई है कि सूर्य के एक्सपोजर में कम आने से हमारे शरीर को विटामिन डी भी प्रॉपर मात्रा में नहीं मिल पाता है। यह बात डॉ. मिलिंद सी शाह ने अपने साक्षात्कार के दौरान कहीं। उन्हें हाल ही में इंदौर एसोसिएशन ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन एक्जीक्यूटिव में अध्यक्ष के पद पर चुना गया है। इस पद पर उन्हें निर्विरोध चुना गया हैं। इससे पहले वह प्रेसिडेंट इलेक्ट हुए थे।

सवाल. आप इंदौर एसोसिएशन ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन एक्जीक्यूटिव में अध्यक्ष में अध्यक्ष चुने गए हैं, क्या नवाचार करेंगे

जवाब.इस साल हमने अपनी थीम एक्सपांड योर होराइजन यानी अपने क्षितिज को बढ़ाइए पर रखी है। पहले के मुकाबले पूरी दुनियां में आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में कई बदलाव और नवाचार हुआ हैं। हम आर्थोपेडिक में फ्रैक्चर, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, दूरबीन पद्धति से ट्रीटमेंट, बच्चों की हड्डियों से संबधित समस्या, गर्दन दर्द, कमर दर्द और अन्य प्रकार की हड्डियों से संबधित समस्याओं से और बेहतर तरीके से डील करने के लिए ऑब्जर्वशीप, कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप अयोजित करेंगे। जिसमें शहर के डॉक्टर को सीनियर डॉक्टर के मार्गदर्शन के साथ नई नई तकनीक और अन्य चीजों के बारे में शहर में ही जानकारी मिल पाएगी। इससे सभी मरीजों को उसका लाभ मिलेगा।

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सवाल.हमारी लाइफ स्टाइल और हमारे काम का असर हमारी हड्डियों से संबंधित समस्या को कैसे बढ़ाता है

जवाब.आज हम खेल कूद और अन्य एक्टिविटी से दूर होते जा रहे हैं। हमारा शरीर अब मशीनों पर निर्भर है जिस वजह से हड्डियां काफी कमजोर हो गई है। हमारे भोजन में फास्ट फूड ने काफी जगह बना ली है जिस वजह से प्रॉपर कैल्शियम, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों की कमी से पहले के मुकाबले अब हड्डियों में कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिल रही है। ज्यादा समय तक एक पोस्चर में बैठकर काम करने से लोगों में कमर दर्द, घुटनों का दर्द, गर्दन दर्द और अन्य समस्याएं कॉमन होती जा रही है। इन सब चीजों से उभरने के लिए हमें हमारी दिनचर्या और खान पान में बदलाव करना होगा। जिसमें दिन में कुछ समय व्यायाम या जो एक्टिविटी आपको अच्छी लगे उसे करना होगा।

सवाल. कंप्यूटर और मोबाइल पर ज्यादा काम करने से कोई नई समस्या सामने आ रही है क्या

जवाब.पहले लोग ज्यादा शारीरिक श्रम किया करते थे जिस वजह से उनकी हड्डियां काफी मजबूत होती थी। आज के दौर में शारीरिक श्रम कम हो गया है। अब लोगों का ज्यादा समय मोबाइल या कंप्यूटर पर बीतता है, कई बार ऐसे पेशेंट भी आते हैं जिन्हें ज्यादा समय तक कम्प्यूटर और मोबाइल चलाने से हाथ और उंगलियों में सुन होने की समस्या सामने आती हैं। यह शरीर में विटामिन बी 12 की कमी के चलते होता है। इसके लिए ज्यादा अंकुरित चीजों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। किसी भी काम को करने के दौरान बीच बीच में एक छोटा ब्रेक लेना चाहिए जिस वजह से इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है। वहीं कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, छाछ, दहीं, पनीर और अन्य चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक वयस्क व्यक्ति को दिन में लगभग 1200 मिली ग्राम कैल्शियम लेना चाहिए।

सवाल.इंदौर एसोसिएशन ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन एक्जीक्यूटिव क्या है इसकी स्थापना कब हुई

जवाब.इंदौर एसोसिएशन ऑफ आर्थोपेडिक सर्जन एक्जीक्यूटिव की स्थापना 1972 में हुई थी।जिसमें शहर के लगभग 263 मेंबर है। इसके चुनाव हर साल करवाए जाते हैं । चुनाव में अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, महासचिव, और एक्जीक्यूटिव सदस्यों को चुना जाता है।

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सवाल.आपने अपनी मेडिकल में पढ़ाई कहां से की है

जवाब.मैने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर से पूरी की थी इसके बाद पूना युनिवर्सिटी से डिप्लोमा आर्थोपेडिक में पूरा किया। मैने देश के कई अस्पतालों में अपनी सेवाएं दी है, वहीं वर्तमान में पलासिया पर अपने सर्वोदय आर्थोपेडिक सेंटर और शहर के अन्य प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में फ्रैक्चर और हड्डी संबंधित समस्या में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।