क्या नीतीश कुमार, INDIA गठबंधन का हाथ थामेंगे? गिरिराज सिंह के बाद मीसा भारती का तीखा बयान आया सामने

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बिहार में कड़ाके की सर्दी के बावजूद राजनीति का तापमान बढ़ता जा रहा है। हाल ही में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया, जिसके बाद राज्य की सियासत में हलचल मच गई। हालांकि, नीतीश कुमार ने लालू के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, और इसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया। आइए जानते हैं इस सियासी घटनाक्रम की पूरी कहानी।

नीतीश कुमार ने लालू का ऑफर किया ठुकराया

लालू यादव ने हाल ही में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने का ऑफर दिया था, जिसके बाद बिहार की राजनीति में एक नई उथल-पुथल शुरू हो गई। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने कहा कि वह पहले दो बार गलती कर चुके हैं, जब वह उन लोगों के साथ जुड़ गए थे जिनसे अब उनका कोई तालमेल नहीं है। नीतीश कुमार ने साफ किया कि अब वह अपने पुराने सहयोगियों के साथ ही रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पहले बिहार में रात 6 बजे के बाद लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है।

गिरिराज सिंह का तंज

नीतीश कुमार के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। गिरिराज ने कहा कि लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव “छक्का-पंजा” खेल रहे हैं। उनका मानना है कि नीतीश कुमार का यह बयान लालू और तेजस्वी के लिए एक बड़ा झटका है। गिरिराज ने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब इन दोनों नेताओं को कभी सत्ता में नहीं आने देगी। उन्होंने दावा किया कि लालू जी हार के डर से नीतीश कुमार के आगे घुटने टेक रहे हैं। हालांकि, जब गिरिराज सिंह से बिहार में संभावित मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

मीसा भारती ने किया पलटवार

इस बीच, आरजेडी सांसद और लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने भी इस सियासी जंग में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच दोस्ती है, लेकिन वह यह नहीं जानती कि दोनों के बीच क्या बातचीत होती है। मीसा ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी को राजनीति में स्थापित किया था और लालू यादव ने सम्राट चौधरी को स्थापित किया। उनका मानना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ जो कुछ हुआ, वही बिहार में भी नीतीश कुमार के साथ हो सकता है।

बिहार में अक्टूबर 2025 तक विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा, और चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। इससे पहले बीपीएससी विवाद के कारण बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई थी। अब, नीतीश कुमार के पाला बदलने की चर्चाओं ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ले लिया है। हालांकि, नीतीश कुमार ने इन अटकलों पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है और स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी पुरानी स्थिति में ही बने रहेंगे।

क्या नीतीश का रूख बदलने से बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव आएगा?

बिहार की राजनीति में इस समय भारी उथल-पुथल मची हुई है। नीतीश कुमार का गठबंधन को लेकर रुख और लालू यादव के ऑफर के बाद से राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है। इस पूरी स्थिति में एक सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की सत्ता के समीकरण क्या होंगे और क्या नीतीश कुमार का नेतृत्व बरकरार रहेगा।