इंदौर 17 जुलाई, 2020
इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण के मददेनजर जिला प्रशासन द्वारा इंदौर जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटको का जाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया है। पर्यटन स्थलों पर घूमते हुये पाये जाने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा गत 11 जुलाई को जारी किए गए आदेश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। साथ ही इंदौर में रविवार के दिन पूर्णत: लॉकडाउन रहेगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह ने एसडीएम और जिले के सभी एसडीओपी की जिम्मेदारी तय करते हुये निर्देश दिए है कि, इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए। प्रतिबंध के बावजूद कोई भी पर्यटन स्थल पर घूमने आये तो उनके विरुद्ध 107/116/151 के तहत गिरफ्तारी की जाए। सभी पिकनिक स्पॉट पर पर्यटकों का जाना आगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। आदेश में कहा गया है कि पातालपानी, चोरल, सीतलामाता फाल, जानापाव, कालाकुण्ड, कजलीगढ़, यशवंत सागर तालाब, तिंछाफाल, मानपुर तालाब, सिरपुर तालाब, बिलावली तालाब, पिपलियापाला तालाब, बनेड़िया तालाब, गुलावट आदि पर्यटन स्थलों पर प्रतिबंध रहेगा।
इसके अलावा इंदौर में प्रत्येक रविवार को पूर्ण लॉकडाउन/कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान अत्यावश्यक सेवाओं में आने वाली गतिविधियों को छूट रहेगी। जारी आदेशानुसार रविवार की प्रातः 5 बजे से 24 घंटे हेतु सम्पूर्ण शहर में लॉकडाउन रहेगा। अर्थात बाजार, कार्यालय, अनाज सब्जी-फल मंडी किराना आदि सभी दुकानें 24 घंटे के लिए बंद रहेंगे। सभी रहवासी घरों में ही रहेंगे तथा मॉर्निंग वाक, वाहनों का सड़कों पर चलना आदि सभी प्रतिबंधित रहेगा।
लॉकडाउन/कर्फ्यू संबंधी आदेशानुसार अत्यावश्यक सेवाएँ जैसे दवाई की दुकान, अस्पताल, दवाई की मैन्युफैक्चररिंग इकाइयां आदि यथावत जारी रहेगी। इन सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों को इन संस्थानों में कार्यरत होने का पहचान-पत्र रखना अनिवार्य होगा तथा पुलिस द्वारा जाँच किए जाने पर एवं संतोषजनक नहीं पाए जाने पर इस आदेश के उल्लंघन स्वरूप भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 107, 116, 151 के तहत् पुलिस ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सकेगी।
अत्यावश्यक विभागों जैसे नगर निगम, बिजली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी, मीडियाकर्मी तथा अखबारों के हाकर्स इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगे। नगर निगम में तीन कार्य अर्थात सराफा मार्केट, नंदलालपुरा कार्य एवं सरवटे बस स्टेण्ड क्षेत्र में सीवर कार्य रविवार को किया जा सकेगा। इस हेतु नगर निगम कार्यरत स्टाफ को आवश्यक परमिशन रविवार हेतु जारी करेगा। चिकित्सा सुविधाओं से जुड़े व्यक्ति जैसे डॉक्टर, पैरामेडीकल स्टाफ, अस्पतालों के लैब टेक्नीशियन, दवाई दुकानों के संचालक एवं उनका स्टाफ, अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगे तथा अपने साथ उक्त संस्थानों में कार्यरत होने का प्रमाण-पत्र रखेंगे।
रविवार को घर-घर अथवा दूध डेयरी से दूध का वितरण सिर्फ सुबह 7 से सुबह 10 बजे तक ही किया जा सकेगा। इन्दौर जिले की स्थित समस्त औद्योगिक इकाईयाँ में उक्त 24 घंटे की अवधि में अंदर से बाहर जाना एवं बाहर से अंदर जाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। ऐसी इकाइयां जो निरन्तर प्रक्रियारत उद्योगों की श्रेणी में आती है उसमें शनिवार की रात्री में आवश्यक कर्मचारी को लिया जा सकता है तथा वे सोमवार की सुबह 5 बजे तक ऐसी इकाईयों के अन्दर रहकर कार्य कर सकते हैं। रविवार के उक्त 24 घंटे के लॉकडाउन अवधि में ऐसी निरन्तर इकाइयां शिफ्ट चेंज करना या कर्मचारियों को अन्दर लाना/ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। फार्मा उत्पादक इकाइयां यथावत चालू रहकर जारी रखी जा सकेगी किन्तु रविवार को दवाईयों से जुड़ी समस्त ट्रांसपोर्ट गतिविधियाँ प्रतिबंधित रहेगी। पीथमपुर एवं देवास जाने वाले फार्मा कंपनी की बसों का आवागमन इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेगा।
जारी आदेशानुसार नगर निगम इन्दौर सीमा क्षेत्र एवं अन्य नगरीय निकायों की सीमा क्षेत्रों के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के प्रयोजन से आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। क्षेत्रीय अनुविभागीय दण्डाधिकारी इस हेतु पंचायत क्षेत्रों हेतु पृथक से आदेश जारी कर सकेंगे। घरेलू उड़ान से आने-जाने वाले यात्रियों के टिकिट या बोर्डींग पास दिखाए जाने पर आवागमन से छूट रहेगी। दवाई की दुकानों का उपयोग केवल आकस्मिक चिकित्सा आवश्यकताओं के तहत् ही किया जा सकेगा। दवा खरीदने के नाम से अनावश्यक रूप से घुमते पाए जाने एवं संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की जा सकेगी। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन अस्पताल में भर्ती होने का प्रमाण दिखाए जाने पर अधिकतम दो लोगों को घर से अस्पताल तक जाने की अनुमति रहेगी तथा इस हेतु अस्पताल प्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वे भर्ती मरीजों के परिजन हेतु आवश्यक प्रमाणीकरण नाम से करके परिजनों को देंगे। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144(2) के अंतर्गत पारित किया गया है। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।