शिवराज सरकार के निर्देश पर क्या नितिन गडकरी पर भी क्राईम ब्रांच में दर्ज होगी FIR

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– कांग्रेस ने गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन से जुड़े सिविल इंजीनियर
– पीयूष पांडे (रीवा) का 50 प्रतिशत कमीशनखोरी को लेकर
– मुख्य न्यायाधीश मप्र को लिखा गया पत्र भी जारी किया

भोपाल। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने आज पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से चर्चा करते हुये 50 प्रतिशत कमीशनखोरी को लेकर शिवराज सरकार पर फिर बड़ा हमला बोला। कमीशनराज को लेकर उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी का एक पत्र डीओ नं. 4017, दिनांक 16 जुलाई, 2022 और गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन स जुड़े रीवा के सिविल इंजीनियर पीयूष पांडे का मप्र के उच्च न्यायालय, जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश को 14 अगस्त, 2023 को प्रेषित पत्र जारी करते हुये कहा कि ये दोनों की प्रामाणिक पत्र मप्र में भ्रष्टाचार की कलई खोलने के स्पष्ट प्रमाण हैं।

मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के उक्त पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने यह पत्र मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को संबोधित किया है, जिसकी प्रति उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भी भेजी है, जिसमें उन्होंने नागपुर (महाराष्ट) के पूर्व भाजपा महामंत्री का हवाला देते हुए संबोधित किया है कि मप्र में आरटीओ अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा चेकपोस्ट एंट्री के लिए बड़े पैमाने पर हो रही रिश्वतखोरी सहित इस बात को भी कहा है कि इच चेकपोस्ट पर वाहनों के सारे कागजात सही पाये जाने और वाहन अंडरलोड़ होने के बावजूद भी ट्रक ड्रायवरों और मालिकों को परेशान किये जाने की बात भी कही गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि इससे मप्र का नाम खराब हो रहा है। लिहाजा, वे स्वयं इस मामले में कार्यवाही करें?

मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री बताए कि एक अपने ही केंद्रीय मंत्री का उन्हें लिखा गया यह पत्र क्या ईमानदारी का सर्टिफिकेट है?

इसी प्रकार मिश्रा ने दूसरा पत्र भी मीडिया को जारी करते हुए कहा कि गौशाला पेटी कांट्रेक्टर संगठन से जुड़े रीवा निवासी पीयूष पांडे (मो.नं. 9340538166) ने भी 14 अगस्त, 2023 को मप्र उच्च न्यायालय, जबलपुर के मुख्य न्यायाधिपति को प्रेषित अपने पत्र में कहा है कि ग्वालियर के एक पेटी कांट्रेक्टर संघ ने आपके समक्ष शासकीय कार्यों में 50 प्रतिशत कमीशन लेकर भुगतान करने की शिकायत की पीड़ा जाहिर की है। महोदय, हम रीवा के पेटी कांट्रेक्टर भी ग्वालियर के पेटी कांट्रेक्टर की तरह ही प्रताड़ित है, 38 लाख रूपयों की गौशाला में 14.50 लाख रूपयों से अधिक के कमीशन बांटने की शिकायत हम प्रमाण के साथ कर चुके हैं, किंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

उन्होंने यहां तक लिखा है कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी से सरकार हमें गुणवत्ता से समझौता करने के लिए विवश कर रही है। रीवा समेत पूरे प्रदेश में कुछ दलाल सक्रिय हैं, जो कमीशन के साथ काम करा रहे हैं और ठेकेदारों को लूट रहे हैं। शिकायतों को दबाने के साथ मप्र और केंद्रीय सरकार तक शिकायत की गई है, किंतु हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। लिहाजा, उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष सरकारी निर्माण कार्याें में भ्रष्टाचार के साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर मांगते हुये लंबित भुगतान कराये जाने का भी अनुरोध किया है।

मिश्रा ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव ने भी आज अपने अधिकारिक ट्वीटर हेंडल से इन दोनों ही पत्रों को जारी किया है। देखना होगा कि सरकार इसके बाद अब किन-किन पर अपने मातहत संगठन क्राईम ब्रांच के माध्यम से एफआईआर करवाएगी। मिश्रा ने कहा कि धर्म और हिंदुत्व के वे कथित ठेकेदार, जिनके समर्थकों पर गौशाला संचालन के नाम पर भ्रष्टाचार, जमीने हथियाने, गौवंश की चमड़ियां और अंग बेचें जाने के प्रामाणिक आरोप साबित हो चुके हैं। वे अब गौशाला निर्माण में भी पैसा खा रहे हैं। यानि स्पष्ट हो चुका है कि ‘ऐसे लोग पैसा हो चाहे जैसा हो’ कि तर्ज पर गौमाता के नाम पर भ्रष्टाचार वास्तविक चरित्र अपनाने पर भी बेखौफ और बदस्तूर अपना चरित्र सार्वजनिक कर रहे हैं, क्या भ्रष्टों के ऐसे कुनबे को धर्म और हिंदुत्व के ठेकेदार होने का अधिकार है, क्या इनके मुंह से ईमानदारी शब्द का उपयोग भी जायज है?कांग्रेस भ्रष्टों के ऐसे कुनबे को सार्वजनिक करना अपना धर्म समझती है, जो हम निरंतर अपनायेंगे।