बाजार में फिलहाल कुछ खास अच्छा नहीं चल रहा है। शेयर मार्केट में हाल के दिनों में गिरावट आई है, और निफ्टी ने सितंबर महीने के अंत में अपने ऑल टाइम हाई 26,277 से 10% गिरकर 23,500 के आसपास पहुंच चुका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे भी निफ्टी में और गिरावट हो सकती है और यह 21,300 के स्तर तक जा सकता है।
इस गिरावट की मुख्य वजह विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली है। पिछले कुछ हफ्तों में, एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने भारतीय बाजार से करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं। इस बिकवाली का कारण मुख्य रूप से दूसरी तिमाही के खराब नतीजे और रेटिंग में गिरावट है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह गिरावट कुछ समय तक जारी रह सकती है। सीएलएसए के लॉरेंस बालेंको का मानना है कि भारत का प्रदर्शन 2025 तक कमजोर रह सकता है, और निफ्टी को 22,800 तक गिरने का जोखिम हो सकता है। फिलहाल बाजार में कोई बड़ा सुधार या उछाल नजर नहीं आ रहा है।
ऐसे में, बाजार विशेषज्ञ रिटेल निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि इस वक्त ‘गिरते हुए चाकू को पकड़ने’ की कोशिश न करें। बजाय इसके, उन्हें बाजार से बाहर रहकर कैश इकट्ठा करने और फिर सही समय पर लॉन्ग टर्म निवेश करने की सलाह दी जा रही है।
इतिहास से अगर कुछ सीखें तो, जब निफ्टी अपने ऑल टाइम हाई से 10% गिरा था, तब भी वह जल्दी से उछल कर वापस अपने उच्चतम स्तर पर लौट आया था। उदाहरण के तौर पर, सितंबर 2022 और मार्च 2023 में ऐसा हुआ था। फिलहाल निफ्टी 200-दिन के मूविंग एवरेज (200-DMA) के आसपास सपोर्ट पा रहा है, लेकिन चार्ट पर जो ट्रेंड नजर आ रहा है, वह गिरावट की ओर इशारा कर रहा है, तो, बाजार में मौजूदा गिरावट एक सामान्य चरण हो सकती है, लेकिन निवेशकों को धैर्य से काम लेना होगा और सही समय का इंतजार करना होगा।