अर्जुन राठौर
इंदौर विकास प्राधिकरण ने लीज डीड के उल्लंघन को लेकर दोहरा मापदंड अपना रखा है इंदौर प्रेस काम्प्लेक्स में लीज की शर्तों का पालन नहीं करने पर अखबारों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी जमीनें जप्त कर ली गई और कुछ अखबारों को वसूली के नोटिस दे दिए गए हैं लेकिन चाय व्यापारियों तथा C21 मॉल द्वारा इंदौर विकास प्राधिकरण की लीज डीड का उल्लंघन करने पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं करना यह साबित करता है कि यहां पर सांठगांठ का कोई बड़ा गोरखधंधा चल रहा है ?
उल्लेखनीय है कि इंदौर प्रेस काम्प्लेक्स में 7 से अधिक अखबारों की जमीन इसलिए विकास प्राधिकरण ने अपने कब्जे में ले ली क्योंकि वे निर्धारित अवधि में यहां पर कोई निर्माण नहीं कर पाए थे इसके अलावा जिन अखबार मालिकों ने अपने परिसर किराए पर दे दिए उनके खिलाफ इंदौर विकास प्राधिकरण ने करोड़ों रुपए की वसूली निकाल दी । एक तरफ तो अखबार मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करके इंदौर विकास प्राधिकरण के अधिकारी यह साबित करना चाहते हैं कि वे अखबार मालिकों से डरते नहीं है लेकिन दूसरी तरफ C21 मॉल के मामले में तथा चाय व्यापारियों द्वारा आवंटित दुकानों के दुरुपयोग को लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहा है ।
2014 में लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज होने के बाद सिर्फ नोटिस देने की कार्रवाई इंदौर विकास प्राधिकरण ने की है व्यापारियों के 11 प्लाटों पर विशाल C21 मॉल तन गया और प्राधिकरण चुपचाप तमाशा देखता रहा इसके अलावा चाय अपराधियों ने चाय का व्यापार नहीं करते हुए वहां पर विभिन्न व्यवसायों के लिए न केवल अपनी जमीन किराए पर दे दी बल्कि बेच भी दी अब सवाल इस बात का है कि यहां पर इंदौर विकास प्राधिकरण अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है क्या प्राधिकरण का यह कृत्य इस बात को साबित नहीं करता है कि वह दोहरे मापदंड अपना रहा है ?