“क्यों न आरक्षण निरस्त किया जाये, उच्च न्यायलय का सरकार को नोटिस”

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इंदौर: माननीय उच्च न्यायालय इंदौर कि वेकेशन बेंच ने नगरीय निकायों में SC/ST वर्ग के वार्डों का आरक्षण रोटेशन पद्धति से नहीं करने तथा ताबड़तोड़ चुनाव घोषित करने को उच्च न्यायलय ने गंभीरता से लिया है। विगत दिनों 9 जून को अभिभाषक विभार खंडेलवाल द्वारा प्रस्तुत तर्कों तथा याचिका कि सुनवाई के बाद न्यायलय ने आदेश सुरक्षित रखा था, आज जारी आदेश अनुसार न्यायलय ने समयाभाव के कारण आगामी सुनवाई 15 जून को निर्धतित कि है। जिस दिन तय होगा कि वर्तमान में सरकार द्वारा किया गया आरक्षण लागू रहेगा या नहीं?

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विदित है कि युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी एवं पूर्व पार्षद दिलीप कौशल द्वारा आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय कि संवैधानिक पीठ द्वारा आदेशित रोटेशन प्रक्रिया का पालन कर वार्डो का आरक्षण रोटेशन पद्धति से करने कि मांग कि थी। परन्तु दिनांक 25 मई को किये गए आरक्षण में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेशित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। उक्त सम्बन्ध में दायर अवमानना याचिका पर भी माननीय न्यायालय पूर्व में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग मनीष सिंह को अवमानना नोटिस जारी कर चुका है। इसके अतिरिक्त याचिकाकर्ताओं द्वारा तय समय पर चुनाव हेतु आरक्षण में सुधार करने कि याचिका दायर कि थी। जिसकी सुनवाई दिनांक 09 जून 2022 को पूर्ण होकर आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिसे माननीय न्यायालय ने आज जारी कर मध्यप्रदेश सरकार नगरिया प्रशासन विभाग को नोटिस जारी कर आरक्षण कि वैधता पर सवाल उठाते हुवे आरक्षण को निरस्त करने के सम्बन्ध में जवाब माँगा है।

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याचिकाकर्ता गुरनानी ने बताया कि उन्होंने संविधान कि रक्षा तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन करने के लिए सरकार को निवेदन किया था पूर्व में भी याचिका लगे थी। जिसमे दिनांक 10 जनवरी 2022 को आदेश पारित हुवे थे, जिसके बाद भी सरकार रोटेशन प्रक्रिया नहीं अपना रही है, न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है वही दिलीप कौशल ने बताया कि नगरिया निकाय चुनाओ में भाजपा संवैधानिक तरीके से चुनाव चाहती है कभी मतदाता-सूची में फर्जी नाम तो कभी आरक्षण में गम्भित त्रुटी षड्यंत्र अंतर्गत कर चुनाव टालना चाहती है। कांग्रेस ने कभी भी चुनाव टालने कि बात नहीं कि है अपितु निगम चुनाव कराने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्रवाईया भी कि है न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।