जिस आयोजन का हिन्दू धर्म में 12 करशो से इंतजार किया जाता है, वह आयोजन महाकुंभ है। महाकुंभ के ऐसा आयोजन है जो 12 वर्षो के अंतराल में आयोजित होता है। महाकुंभ की ख़ास बात ये है की सिर्फ भारत के 4 जगह होता है उज्जैन,नासिक,हरिद्वार,प्रयागराज केवल इन चार खास जगह पर ये महाकुंभ आयोजित किया जाता है। इस बार महाकुंभ 2021 का आयोजन हरिद्वार में होने जा रहा है। लेकिन इस बार का महाकुंभ इसलिए खास है क्योकि ये साल कोरोना महामारी के चलते काफी ही असधारण रहा है, जिस कारण इसकी तैयारी भी बेहद असाधारण नजर आ रही है। कोरोना संक्रमण के बावजूद और लॉकडाउन के बाद हो रहे इस महाकुंभ के आयोजन को लेकर काफी सवाल किये जा रहे है। कोरोना के कारण महाकुंभ की तैयारियों में काफी बदलाव आया है।
इसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और संत समाज के संकल्प के बाद तैयारियों ने जोर पकड़ा। उत्तराखंड में शासन और स्थानीय प्रशासन ने कमर कसी हुयी थी, और आज इसी का परिणाम है कि कुंभ मेले के स्वागत के लिए हरिद्वार अब पूर्ण रूप से तैयार है।
महाकुंभ की तैयारी इसलिए भी खास होती है क्योकि बड़ी संख्या में कई जगहों से श्रद्धालुओं और संत-साधुओं के आगमन के कारण है।लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है इसके बावजूद आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार को तैयार किया जा रहा है। लेकिन महामारी के बीच इतना बड़ा धार्मिक आयोजन उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
महाकुंभ की तैयारी में दुल्हन की तरह सजी है आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार
इस बार कुंभ की तैयारी जोरो शोरो से हुयी है और आध्यात्मिक नगरी- कुंभ नगरी को आस्था और संस्कृति के रंगों में रंगा जा रहा है। हरिद्वार में शाही स्नान के लिए पुलों, गंगा घाटों, पानी की टंकियों, भवनों को भी आकर्षक पेंट से सजाया जा रहा है। साथ ही हर जगह पीला और भगवा रंग छाया दिखता है। हरिद्वार की सभी दीवारों पर धर्म-आस्था के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक परंपराओं और संस्कृति के रंगों की छटा भी हरिद्वार में जगह जगह बिखर रही है।
कुंभ में अधिकतर श्रद्धालु केवल शाही स्नान के इंतजार में होता है, जोकि कुछ ख़ास दिन होते है। साथ ही इन शाही स्नानो के लिए हरिद्वार में काफी तैयारी की गयी है। हरिद्वार प्रशासन सुविधाओं के प्रबंध में जुटा है. सड़कों को चौड़ा करने के साथ घाटों का विस्तार किया जा रहा है. रेलिंग की मजबूत व्यवस्था भी की जा रही है. हरिद्वार के सौंदर्यकरण के साथ साथ पार्किंग के लिए बड़ी जगह के साथ पब्लिक टॉयलेट्स का भी बड़ी संख्या में निर्माण किया जा रहा है। उत्तराखंड प्रशासन को उम्मीद है कि अधिकतर निर्माण कार्यों को इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
ये है इस बार कुंभ के शाही स्नान इस बार महाकुंभ में हरिद्वार में चार शाही स्नान होंगे। जो कि –
पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021 से शुरू होकर चैत्र अमावस्या यानी 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या तक चलेगा। वही तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्रांति पर होगा। आखिरी और चौथा शाही कुम्भ स्नान बैशाखी पर 27 अप्रैल को होगा। इनके अलावा पर्व स्नान भी होंगे. माघी पूर्णिमा 27 फरवरी से पूर्व कुंभ की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
कोरोना के सभी नियमो को मानकर इस बार के कुंभ की तैयारी की गयी है। उत्तराखंड सरकार ने मुख्य रूप से कोरोना महामारी से बचाव के लिए एहतियाती कदमों पर भी पूरा जोर है। इसी बीच देश में वैक्सीन के टीकाकरण का अभियान भी शुरू हो गया है। अगर इसके बाद भी कोरोना का संक्रमण बढ़ता है तो मेले का स्वरूप बदला जा सकता है।