सोमवती अमावस्या पर महिलाएं क्यों लगाती हैं पीपल की परिक्रमा? जानिए पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

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Somvati Amavasya 2024 : सोमवती अमावस्या, हिंदू धर्म में एक विशेष तिथि है, जो सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को कहते हैं। इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं।

पीपल को पवित्र वृक्ष माना जाता है। यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की परिक्रमा करने से अनेक लाभ मिलते हैं, जिनमें शामिल हैं:

पति की लंबी आयु
सुखी वैवाहिक जीवन
विवाह में देरी दूर होना
संतान प्राप्ति
समृद्धि और धन
पापों का नाश

सोमवती अमावस्या 2023 का मुहूर्त:

तारीख: 8 अप्रैल, 2023
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 8 अप्रैल, 2023 को सुबह 3:21 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 9 अप्रैल, 2023 को सुबह 11:50 मिनट तक

सोमवती अमावस्या पूजा विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
घर या मंदिर में विधि-विधान के साथ पूजा करें।
पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।
दान-पुण्य करें।
यह लेख आपको सोमवती अमावस्या 2023 के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसमें पीपल की परिक्रमा का रहस्य, पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व शामिल हैं।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान भी किया जाता है।
इस दिन गंगा स्नान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने से भी अनेक लाभ मिलते हैं।
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Note: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह या धार्मिक सलाह का गठन नहीं करता है।