कौन थी गीतिका शर्मा और सुसाइड नोट में ऐसा क्या लिखा जिससे 18 महीनों तक जेल में रहे हरियाणा के पूर्व गृहराज्य मंत्री

ashish_ghamasan
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चंडीगढ़। हरियाणा के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनते हुए विधायक गोपाल कांडा को बरी कर दिया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, 5 अगस्त 2012 को गोपाल कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने अपने अशोक विहार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक दशक के बाद दिल्ली की अदालत ने अब इस मामले में अपना फैसला सुनाया है।

गीतिका शर्मा एयर होस्टेस बनना चाहती थी। 5 अगस्त को गीति का शव मिला था। पास में ही सुसाइड नोट था, जिसमें गोपाल कांडा को जिम्मेदार बताया गया था। कांडा को इस मामले में 18 महीनों तक जेल में रहना पड़ा। उन्हें मार्च 2014 में जमानत मिली थी। अपने 4 अगस्त के सुसाइड नोट में, शर्मा ने कहा था कि वह कांडा और चड्ढा द्वारा “उत्पीड़न” के कारण अपना जीवन समाप्त कर रही है। दो पेज के सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा था कि मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं, क्योंकि मेरा विश्वास टूट गया है और मैं अंदर से टूट चुकी हूं। मेरे साथ धोखा हुआ है। मेरी मौत के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा जिम्मेदार हैं।

2012 में जब गीतिका सुसाइड केस सामने आया था तो गोपाल कांडा पूरे देश में चर्चित हुए थे। गीतिका शर्मा ने साल 2012 में सुसाइड किया था, अपने सुसाइड नोट में उन्होंने गोपाल कांडा पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांडा इस केस के मुख्य आरोपी थे। कांडा हरियाणा के गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। अदालत ने गोपाल कांडा के अलावा इस मामले में सह आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया है।

विधायक गोपाल कांडा इस मामले में 18 महीने जेल में भी रह चुके हैं। गीतिका ने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। कांडा पर आरोप था कि उन्होंने एयरहोस्टेस गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाया है। गीतिका की मौत के करीब छह महीने बाद फरवरी 2013 में उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। कांडा के साथ उनकी MDLR कंपनी की मैनेजर अरूणा कांडा को भी इस केस में बरी कर दिया गया है।