पटना : सोमवार को नीतीश कुमार ने सातवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ लेकर भारतीय राजनीति में एक बड़ा इतिहास बना दिया. वे सातवीं बार यह कारनामा करने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. बता दें कि नीतीश के साथ ही भाजपा के 7, जदयू के 5 और हम-वीआईपी के एक-एक मंत्री ने शपथ ली. इनमे सबसे चर्चित नाम रहा विकासशील इंसाफ़ पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश साहनी का.
विकासशील इंसाफ़ पार्टी (वीआईपी) ने इस बार NDA के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वीआईपी ने बिहार चुनाव से ठीक पहले महागठबंध न से नाता तोड़ लिया था और NDA में शामिल हो गई थी. बिहार चुनाव में वीआईपी का प्रदर्शन बहुत शानदार रहा है. मुकेश साहनी की पार्टी ने चुनाव में कुल 4 सीटें जीती है. वीआईपी ने कुल 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
बता दें कि मुकेश साहनी कभी अभिनेता बनने का सपना देखा करते थे और वे इसके लिए 19 साल की उम्र में ही घर छोड़कर मुंबई भाग गए थे. उन्होंने सेल्समैन के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और आज वे बिहार में मंत्री बनाए गए हैं. राजनीति में उन्हें ज्यादा समय नहीं हुआ है. उनका राजनीतिक करियर महज 7 वर्ष पुराना ही है.
2018 में बनाई अपनी पार्टी, मिली करारी हार…
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले साहनी ने अपनी अलग पार्टी बनाई थी. विकासशील इंसाफ़ पार्टी (वीआईपी) ठीक दो साल पहले नवंबर 2018 में बनी थी. इसके बाद मुकेश साहनी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई. हालांकि उन्हें लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलनी पड़ी थी. साहनी ने खगड़िया लोकसभी सीट से चुनाव लड़ा था.