नई दिल्ली। 14 जुलाई यानी आज दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जाना है। चंद्रयान 3 पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की भू विज्ञान का पता लगाएगा। 3900 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को पहले यूआर राव सैटलाइट केंद्र में रॉकेट के पेलोड फेयरिंग यानी ऊपरी हिस्से में डाला गया और फिर इस रॉकेट के निचले हिस्से से जोड़ने के लिए ले जाया गया। यह हिस्सा इस पृथ्वी की कक्षा के बाहर धकेल देगा और इस पृथ्वी से लगभग 3 लाख 84000 किलोमीटर दूर चंद्रमा की ओर ले जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। चांद पर चंद्रयान उतारने के इस मिशन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं रितु कारिधाल। चंद्रयान-3 को चांद पर सुरक्षित उतारने की जिम्मेदारी जिसके कंधों पर दी गई है, वह कोई और नहीं बल्कि लखनऊ की ‘रॉकेट वुमन’ रितु कारिधाल हैं। वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। रितु करिधल का जन्म लखनऊ के राजाजीपुरम में हुआ था। अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट एग्नीस पब्लिक स्कूल और नवयुग कन्या विद्यालय से की। रितु कारिधाल को पहली पोस्टिंग यू आर राव सेटेलाइट सेंटर में मिली थी। बता दें कि रितु करिधाल ने साल 1997 में इसरो ज्वाइन किया था। इस बार चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो किसी संचार उपग्रह की तरह काम करेगा।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत आज दोपहर 2.35 बजे स्पेसशिप चंद्रयान-3 लॉन्च करेगा। चंद्रयान-3 सतीश धवन स्पेस पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से छोड़ा जाएगा। यहां से अब तक 24 लॉन्च हो चुके हैं। ये लॉन्च पैड भारी सैटेलाइट्स और रॉकेट्स के लिए है। इस मिशन की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं और इसको लांच करने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस मिशन का पूरा बजट 651 करोड़ रुपए का है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।
ISRO आज चांद पर उतरने की एक और कोशिश करने जा रहा है। ISRO चीफ ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर लैंड करना और उसके पर्यावरण का अध्ययन करना है। इस मिशन में भारत चांद की धरती पर एक लैंडर उतारेगा। चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के आखिरी चरणों में है। इस मिशन को लेकर इसरो लगातार कोई न कोई जानकारी साझा कर रहा है। पिछले चार वर्षों में जबरदस्त काम किया गया है। अगर चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर उतरने में सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। ISRO चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा।