मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री के एक बयान के कारण सियासी भूचाल आ गया। मामला डबरा का है यहाँ पर पूर्व सीएम कमलनाथ जी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरल स्वभाव के सीधे साधे, सुरेंद्र राजेश हमारे उम्मीदवार हैं। साथ ही उन्होंने ने मंज से कहा कि हमारे प्रत्याशी सुरेश राजे उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, ‘यह क्या आइटम है। इसके पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कहा था कि जनता 3 नवंबर को इमरती देवी को जलेबी बना देगी।
नेताओं के इन बयान के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह ऐलान किया है कि वो इमरती देवी के सम्मान में मवार को भोपाल में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक दो घंटे के लिए मौन धरना देंगे। इस धरने का नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में करेंगे। बता दे कि कुछ समय पूर्व इमरती देवी ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था। इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है। इस साल मार्च में मध्य प्रदेश में सरकार गिरने के वक़्त इमरती देवी ने यह भी कहा था कि ‘सिंधिया कुएं में गिरे तो हम भी साथ गिरेंगे’।
कौन है इमरती देवी?
इमरती देवी पूर्व में कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार इमरती देवी का जन्म जिला दतिया के ग्राम चरबरा में हुआ था। इनकी राजनीति की शुरुवात 2004 से जिला पंचायत ग्वालियर की सदस्य से हुयी थी। वहीँ 2008 में इमरती देवी 13वीं विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं और 2008 से 2011 तक पुस्तकालय समिति की सदस्य रहीं। वहीं 2011 से 2014 के बीच वह महिला एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति की सदस्य रहीं।
इसके बाद 2013 और 2018 जिला ग्वालियर के डबरा में विधायक रही और फिर इमरती देवी ने 25 दिसम्बर, 2018 को कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। फिर वो बीजेपी का हाथ थाम कर 2 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में भी मंत्री पद की शपथ ली