Wayanad By-Election: केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर दिलचस्प उपचुनाव हो रहा है, जहां कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी अपना सियासी डेब्यू कर रही हैं। वे आज अपना नामांकन दाखिल करेंगी और इससे पहले एक विशाल रोडशो करेंगी, जिसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका और उनकी मां सोनिया गांधी मंगलवार की शाम को केरल पहुंचीं।
Wayanad By-Election
यह उपचुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने इस साल जून में सीट छोड़ दी थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट को बरकरार रखने का फैसला किया। राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था और यहां जीत हासिल की थी, जबकि अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था।
त्रिकोणीय मुकाबला
वायनाड में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नव्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया है। लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने सत्यन मोकेरी पर भरोसा जताया है। प्रियंका के नामांकन के दौरान उनके साथ सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और भाई राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के लिए चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने घर-घर जाकर प्रचार करने की योजना बनाई है। प्रियंका के लिए यह पहला चुनाव है, जिसमें वे सीधे जनता से वोट मांगेंगी। वे 2019 से सक्रिय राजनीति में हैं और तब से कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में भाग ले चुकी हैं।
BJP उम्मीदवार की पृष्ठभूमि
बीजेपी की उम्मीदवार नव्या हरिदास 39 वर्ष की हैं और वर्तमान में कोझिकोड नगर निगम में पार्षद हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और सॉफ्टवेयर पेशेवर के रूप में काम किया। नव्या ने आरएसएस के साथ अपने पारिवारिक जुड़ाव को भी साझा किया है।
CPI उम्मीदवार का परिचय
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सत्यन मोकेरी को वायनाड से उम्मीदवार बनाया है। वे तीन बार विधायक रह चुके हैं और 2014 में वायनाड से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। मोकेरी को उस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्हें अच्छी संख्या में वोट मिले थे।
कांग्रेस का वायनाड में प्रदर्शन
वायनाड सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी माना जा रहा है। राहुल गांधी ने 2019 में 6 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी, जबकि सीपीआई के उम्मीदवार को 3 लाख वोट मिले थे। बीजेपी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी।
पिछले चुनावों का विश्लेषण
2009 में पहली बार अस्तित्व में आई वायनाड सीट पर कांग्रेस ने लगातार जीत हासिल की है। 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस ने सीपीआई को कड़ी टक्कर दी थी, जबकि बीजेपी का प्रदर्शन सीमित रहा। अब वायनाड में प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी से कांग्रेस को अपनी स्थिति मजबूत करने का एक और मौका मिला है।
इस तरह, वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी की उपस्थिति और चुनावी रणनीतियों के साथ कांग्रेस अपनी पुरानी ताकत को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।