पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने में अमेरिका की संलिप्तता थी। हसीना के अनुसार, अमेरिका ने सेंट मार्टिन द्वीप की मांग की थी, जिसे न मानने पर उन्हें सत्ता से हटा दिया गया। उनका कहना है कि अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहता था।
शेख हसीना की अपील
शेख हसीना ने बांग्लादेश के नागरिकों से अपील की है कि वे चरमपंथियों के रास्ते पर न चलें। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति में नागरिकों को शांत रहना चाहिए और सच्चाई को जानने की कोशिश करनी चाहिए।
भारत में शरण
शेख हसीना ने वर्तमान में भारत में शरण ले रखी है। 5 अगस्त की शाम को बांग्लादेश से भागकर उन्होंने भारत की ओर रुख किया, जहां वे सुरक्षा की तलाश में हैं।
आरक्षण विरोधी आंदोलन और वीडियो विवाद
आरक्षण विरोधी आंदोलन के संदर्भ में शेख हसीना ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी भी प्रदर्शनकारी छात्रों को ‘रजाकार’ नहीं कहा। उनका कहना है कि उनके वीडियो को संशोधित कर भड़काऊ तरीके से वायरल किया गया है। हसीना ने कहा कि अगर पूरा वीडियो देखा जाए तो सच्चाई सामने आएगी और साजिशकर्ताओं के द्वारा उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है।
अमेरिका और बांग्लादेश की राजनीति
अप्रैल में संसद में दिए अपने एक बयान में, शेख हसीना ने अमेरिका के बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं की ओर इशारा किया था। उनके इस बयान से पहले ही अमेरिका और बांग्लादेश के बीच की राजनीतिक खाई को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था।
इन घटनाक्रमों के बीच, बांग्लादेश की राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर असर डालने वाली इस स्थिति को लेकर आगामी दिनों में और भी नई जानकारी सामने आ सकती है।