इंदौर: कोरोना कर्फ्यू में 1 जून से मिलने वाली राहत का स्वरूप तय करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों का समूह बनाने की घोषणा को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमिताभ सिंघल एवं मनीष अजमेरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान में सबसे मुख्य समस्या “ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की उपलब्धता मुंह बाएं खड़ी है और इसके लिए भटक रहे परिजनों की सुनवाई के संबंध में कौन सा मंत्री समूह बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गयी है ?
प्रतिदिन सामने आ रही घटनाओं में देखा गया है की पीड़ित मरीज के परिजन आवश्यक दवाइयों के लिये संघर्ष कर रहे है , यहां तक की दर दर भटकते हुए मुख्यमंत्री से गुहार लगाने भी पहुंचे लेकिन उन्हें मिलने नही दिया गया तो क्या परिजनों की गुहार सुनने और यथोचित व्यवस्था करने के लिए कोई मंत्री समूह बनाया गया है ? और यदि हां तो उस समूह से परिजन किस तरह सहज रूप से संपर्क कर सकेंगे?? अभी तो पीड़ितो के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से मिलना भी दिवास्वप्न के समान हो चला है वे अपना दुखड़ा सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर जाहिर कर रहे हैं
बिगड़ते आर्थिक हालातो व रोजगार व्यापार व्यवसाय की व्यवहारिक कठिनाइयों के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा मंत्री समूह में जबाबदेही तय न किया जाना और कोई राहत प्रदान नही करना सरकार की संवेदनशीलता और परिपक्वता पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है ।
सिंघल व अजमेरा ने कहा कि पिछले दो माह से चले आ रहे लॉक डाउन को खोलने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के निर्णय पर छोड़ दिया गया है । कमेटी के अव्यवहारिक निर्णय के चलते नागरिक परेशान है कमेटी में शहर के बुद्धिजीवी वर्ग , व्यापारिक संगठन के पदाधिकारी और समाजों के प्रमुखों को स्थान नही दिया जाने के चलते व्यवहारिक निर्णय की अपेक्षा नहीं की जा सकती आज आवश्यकता इस बात की है की कोरोना से जंग के साथ-साथ आर्थिक व रोजगार व्यापार के संकट से भी उतनी ही प्राथमिकता से निपटा जाए दुर्भाग्य है की लगभग 2 माह के लंबे लॉक डाउन के बाद भी सरकार कई जिलों में कर्फ्यू में राहत देने की स्थिति में नहीं है मानसून की दस्तक के साथ ही नागरिकों के सामने आर्थिक व रोजगार संकट के साथ साथ कई व्यावहारिक परेशानियों की चिंताएं मुंह बाए खड़ी है ।
आपने मुख्यमंत्री से मांग की है की आवश्यक दवाइयों इंजेक्शनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेही तय करें व करोना कर्फ्यू से शहर जल्द से जल्द मुक्त हो इस दिशा में सार्थक प्रयास करते हुए शहर के बुद्धिजीवियों व्यापारिक संगठनों वह समाज प्रमुखों को विश्वास में लेकर समन्वय स्थापित करने हेतु मंत्री समूह को निर्देशित करें । गरीबों को राशन की भी समीक्षा की जाय और कंट्रोल दुकानों से कालाबाजारी न हो ये सुनिश्चित किया जाय