मुंबई: महानगरी मुंबई की जनसंख्या अन्य राज्यों से कई गुना ज्यादा है,इसके कारण यहाँ कोरोना के बढ़ने का खतरा और भी बढ़ जाता है। दरअसल कोरोना महामारी के समय मेट्रो शहरो में मुंबई शहर में सबसे ज्यादा कोरोना केस के मरीजों से प्रभावित था, लेकिन अभी कुछ दिनों से यहाँ कोरोना के मरीजों की संख्या काफी काम नजर आ रही थी, लेकिन एक बार फिर महाराष्ट्र में इस कोरोना वायरस ने तेज़ी से रफ़्तार पकड़ ली है और एक बार फिर यहां अब रोजाना तीन हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
मुंबई की जनसंख्या और इस कदर बढ़ रहे कोरोना के मामले से सभी को चिंता में डाल रहे है, एक बार फिर इस तरह के कोरोना मरीजों के बढ़ रहे आंकड़े भी डराने वाले हैं। मुंबई में बढ़ रहे इन कोरोना मरीजों को लेकर मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने अपना बयान दिया है उनका कहना है कि “अगर लोग दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो मजबूरी में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा” साथ ही लोगो की लापरवाही को देखते हुए उनका कहना है कि “महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है, इतना ही नहीं ट्रेनों में यात्रा करते समय ज्यादातर लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं, लोकल ट्रेनों में इतनी भीड़ होने के बावजूद लोग मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं, लोगों को अभी कोरोना के नियमों का पालन करना चाहिए”
लोगो द्वारा कोरोना गाइडलाइन्स की धजिय्या उड़ाई जा रही यही कारण है कि वहा इतने केस बढ़ने लगे है, जिसे लेकर मेयर का कहना है कि “अगर लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे तो हम एक और लॉकडाउन की तरफ आगे बढ़ेंगे, लॉकडाउन को फिर से लागू किया जाए या नहीं यह लोगों के हाथ में है” बता दे कि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामलों की संख्या काफी कम हो गई थी, और उस समय से केरल ऐसा राज्य था जहां सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे थे, लेकिन महाराष्ट्र ने फिर केरल को पछाड़ दिया है। यहां पर सोमवार को 3,365 नए मामले सामने आए. मामलों की संख्या में गिरावट के 42 दिन के बाद महाराष्ट्र फिर से देश में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है।