कहाँ से आता है भारत के नोटों का कागज? क्यों होता है आम कागज़ से इतना अलग?

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भारत के नोटों के कागज का निर्माण एक विशेष प्रक्रिया से होता है जो आम कागज़ से अलग होती है। यहां हैं कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जो बताती है कि भारत के नोटों के कागज का निर्माण कैसे होता है और इसमें क्यों विशेषता होती है:

रजिस्ट्री कागज़ का इस्तेमाल: भारत के नोटों के कागज का निर्माण रजिस्ट्री कागज़ से होता है, जिसे अंग्रेज़ी में “Rag Paper” कहा जाता है। यह कागज़ अंग्रेज़ी और हिंदी के बीच एक खास प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है ताकि यह नकल करना मुश्किल हो।

सुरक्षा थ्रेड्स और वॉटरमार्क: भारतीय नोटों में सुरक्षा थ्रेड्स और वॉटरमार्क का इस्तेमाल होता है जो नकल करने से रोकते हैं। वॉटरमार्क नोट के कागज के अंदर विशेष प्रकार की नमी को दर्शाता है जो नकल करने से नहीं दिखती है।

सिक्योरिटी फीचर्स: भारतीय नोटों में विभिन्न सिक्योरिटी फीचर्स भी होते हैं, जैसे कि होलोग्राम, मैग्नेटिक इंक, और माइक्रोप्रिंटिंग, जो नकल करने को रोकते हैं।

केमिकल ट्रीटमेंट: नोट के कागज को केमिकल ट्रीटमेंट के माध्यम से भी विशेष बनाया जाता है ताकि यह नकल करने से बचा जा सके।

रिसर्च और विकास: भारतीय सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया नोट के कागज की नई सुरक्षा तकनीकों के लिए नियमित रूप से शोध और विकास करते रहते हैं ताकि नकल करना और नकल रोकना दोनों मुश्किल हो।

इन सभी कारणों से भारतीय नोटों के कागज का निर्माण आम कागज़ से अलग होता है और इसमें विशेषता होती है जो नकल करने से रोकती है। इसके साथ ही, सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया नोट के कागज की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का अद्यतन करते रहते हैं।