इंदौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा झोन क्षेंत्रांतर्गत किये जा रहे विकास कार्यो की झोनवार समीक्षा करते हुए, आज झोन क्रमांक 08, 09, 10 एवं 11 की विभागवार महापौर सभाकक्ष में बैठक ली गई। बैठक में विधायक महेन्द्र हार्डिया, महापौर प्रतिनिधि भरत पारख, महापौर परिषद सदस्य नंदकिशोर पहाडिया, राजेश उदावत, पार्षद सुरेश कुरवाडे, प्रणव मंडल, विजय लक्ष्मी गौहर, मनीषा गगौरे, राकेश सोलंकी, संगीता महेश जोशी, निशा देवलियां, सोनिला मिमरोट, शेफु कुशवाह, रूबीना खान, जमीला खान, पुष्पेन्द्र पाटीदार, महेश बसवाल, पंखुडी जैन, जनकार्य, जलप्रदाय, सीवरेज, उद्यान विभाग प्रमुख, क्षेत्रीय झोनल अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
महापौर भार्गव द्वारा झोनवार झोन स्तरीय समीक्षा के दौरान वार्ड में पूर्व में कितने कार्य स्वीकृत हुए थै, कार्य स्वीकृत होने के उपरांत वर्कऑर्डर जारी होने पर ठैकेदार द्वारा अनुबंध किये जाकर कार्य प्रारम्भ किया कि नही, इसकी भी समीक्षा की गई। महापौर द्वारा झोनवार की जा रही समीक्षा बैठक के दौरान समस्त झोनल अधिकारियो को निर्देशित किया गया कि वह अपने-अपने झोन क्षेत्र में स्वीकृत विकास कार्यो की क्षेत्रीय पार्षदगण के साथ हर सप्ताह बैठक लेकर, विकास कार्यो की समीक्षा करे, ताकि विकास कार्यो को गति मिल सके। इस पर समस्त पार्षदो द्वारा मान. महापौर द्वारा ली जा रही झोनवार समीक्षा बैठक की पहल की प्रशंसा की गइ, साथ ही पार्षदो ने कहा कि इस तरह की समीक्षा बैठको से विकास कार्यो को गति मिलती है।
महापौर भार्गव द्वारा निगम विकास कार्यो की झोनवार समीक्षा बैठक के दौरान समस्त ठेकेदारो को निर्देशित करते हुए, हर 15 दिन में विकास कार्य की प्रोगेस रिपोर्ट तैयार कर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करे ताकि विकास कार्यो को गति मिल सके।
विदित हो कि महापौर भार्गव द्वारा शहर के विभिन्न झोन क्षेत्रांतर्गत किये गये विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान ऐसे ठेकेदार जिनके द्वारा वर्क ऑर्डर के पश्चात भी ना अनुबंध किया गया और ना ही कार्य प्रारम्भ किया गये, के विरूद्ध नोटिस जारी करने के परिणाम स्वरूप 90 से अधिक ठेकेदार द्वारा टेण्डर स्वीकृति के पश्चात कार्य करने का अनुबंध कराया गया, साथ ही समीक्षा बैठक के दौरान महापौर द्वारा कार्य नही करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, अब तक 08 ठेकेदारो की सिक्योंरिटी जब्त की गई है।
इसके साथ ही महापौर भार्गव द्वारा निर्देश दिये गये कि निगम द्वारा जिस प्रकार से मुख्यमंत्री कायाकल्प अभियान के तहत विकास कार्यो के टैंण्डर की शर्ते तैयार की गई है, उसी प्रकार से निगम के अन्य विकास कार्यो में भी टैंण्डर शर्त लागू की जावे, टैण्डर शर्त में रिस्क एंड कास्ट की शर्त को भी लागू किया जावे। महापौर भार्गव द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री कायाकल्प अभियान के तहत शहर मे किये जा रहे विकास कार्यो की गुणवत्ता की जांच हेतु मोबाईल वेन द्वारा कार्य किया जा रहा है, उसी प्रकार मोबाईल वेन के माध्यम से निगम के अन्य विकास कार्यो की गुणवत्ता की जांच की जावे। ठेकेदार कार्य नही करने पर यदि कारण नगर निगम की ओर से हो तो उसका तत्काल निदान किया जावे, जिससे की ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण किया जा सके।
विदित हो कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा झोन क्रमं क 08, 09, 10 एवं 11 के अंतर्गत वार्ड 30, 35, 36, 37, 44, 45, 46, 47, 38, 39, 40, 42, 43, 48, 49, 54, 55 एवं 60 में विकास कार्यो के झोनवार/वार्डवार समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक के दौरान उपरोक्त उल्लेखित झोन/वार्ड में जनकार्य विभाग, जलयंत्रालय विभाग, जलप्रदाय विभाग, उद्यान विभाग आदि विभागो के माध्यम से किये गये कार्याे की समीक्षा करते हुए, इस दौरान महापौर द्वारा क्षेत्रीय पार्षद से वार्ड के विभिन्न विभागो से संबंधित स्वीकृति कार्यो की स्थिति के संबंध में जानकारी लेते हुए, समीक्षा की गई।
महापौर भार्गव द्वारा शहर के विभिन्न झोन क्षेत्रांतर्गत किये गये विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान ऐसे ठेकेदार जिनके द्वारा वर्क ऑर्डर के पश्चात भी ना अनुबंध किया गया और ना ही कार्य प्रारम्भ किया गये, के विरूद्ध नोटिस जारी करने के परिणाम स्वरूप 120 से अधिक ठेकेदार द्वारा टेण्डर स्वीकृति के पश्चात कार्य करने का अनुबंध कराया गया।