Magh Pradosh Vrat 2025 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जिसे भगवान शिव के पूजन के लिए माना जाता है। हर महीने में प्रदोष व्रत होता है, और माघ माह का पहला प्रदोष व्रत इस साल 27 जनवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। इसे सोम प्रदोष कहा जाता है, क्योंकि यह सोमवार को पड़ रहा है।
कब है माघ का पहला प्रदोष व्रत?
इस साल माघ माह की त्रयोदशी तिथि 26 जनवरी, रविवार को रात 8:54 बजे से शुरू होगी और 27 जनवरी, सोमवार को रात 8:34 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, माघ का पहला प्रदोष व्रत 27 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:56 बजे से लेकर रात 8:34 बजे तक रहेगा।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत की पूजा विधि में कुछ खास कदम होते हैं:
- प्रात:काल में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- फिर बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव का पूजन करें।
- सूर्यास्त के बाद गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध करें और फिर पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।
- बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाएं।
- धूप और दीप जलाकर भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग अर्पित करें।
प्रदोष व्रत के नियम
प्रदोष व्रत के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है:
- तामसिक भोजन से बचें।
- नकारात्मक विचार से दूर रहें।
- झूठ बोलने से बचें।
- किसी का अपमान न करें और न ही किसी को दुख दें।
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। इस व्रत को करने से जीवन में खुशहाली आती है और कष्ट, पाप, रोग दूर होते हैं। यह व्रत संतान, सुख-समृद्धि, सफलता और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए भी बेहद फलदायी माना जाता है।
Disclaimer : यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। Ghamasan.com इनके सत्य और सटीक होने का दावा नहीं करता।