जब किसी विमान का इंजन अचानक बंद हो जाता है, तो यह एक गंभीर स्थिति होती है, क्योंकि यह विमान को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक जोर को समाप्त कर देती है। इस स्थिति में विमान हवा में उड़ने लगता है, जिसे ग्लाइडिंग कहा जाता है। ग्लाइडिंग की प्रक्रिया में विमान वायु प्रतिरोध के खिलाफ उड़ान भरता रहता है।
विमान की ग्लाइडिंग दूरी
एक विमान की ग्लाइडिंग दूरी कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे विमान का प्रकार और आकार। बड़े विमानों की तुलना में छोटे विमान अधिक दूरी तक नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा, यदि विमान ऊंचाई पर है, तो वह अधिक दूरी तय कर सकता है। हवा की दिशा भी विमान की ग्लाइडिंग दूरी को प्रभावित करती है; तेज हवा में विमान की दूरी कम हो सकती है। सामान्यत: भारी विमान हल्के विमानों की तुलना में अधिक दूरी तक फिसल सकते हैं।
पायलट का अनुभव और एयर ट्रैफिक कंट्रोल
इस स्थिति में विमान को सुरक्षित रूप से उतारने में पायलट का अनुभव बहुत महत्वपूर्ण होता है। पायलट को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल भी पायलट को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है, जिससे स्थिति को बेहतर ढंग से संभाला जा सके।
आधुनिक विमानों में सुरक्षा उपाय
आधुनिक विमानों में कई सुरक्षा उपाय होते हैं, जो ऐसी स्थिति में मददगार साबित होते हैं। अधिकांश विमानों में दो या दो से अधिक इंजन होते हैं, इसलिए यदि एक इंजन फेल हो जाता है, तो विमान दूसरे इंजन की सहायता से उड़ान जारी रख सकता है। इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है और पायलट को समस्या का समाधान करने का समय मिल जाता है। इस प्रकार, विमान के इंजन के अचानक बंद होने की स्थिति में विभिन्न कारकों का ध्यान रखा जाता है, जिससे सुरक्षित उतारने की संभावना बढ़ जाती है।