3 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ जाने के बाद, 11 दिसंबर को बीजेपी ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी है। डॉ. मोहन यादव को मध्यप्रदेश के नए सीएम पद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। बीजेपी ने इस नए चेहरे पर मुहर लगाई है। राज्य की जनता को शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय जैसे नामों की उम्मीद थी। मगर बीजेपी ने सभी को चौंका कर एक नए नाम को सीएम पद की ज़िम्मेदारी सौंपी है।
डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री पद संभाल लेने के बाद, एक अहम सवाल यह उठता है कि शिवराज सिंह चौहान अब किस पद पर कार्य करेंगे। शिवराज सिंह चौहान ये साफ कह रहे हैं कि, मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। इससे एक हद तक यह साफ़ होता है कि वह राज्य की राजनीती में सक्रिय रहना चाहते है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मोदी-शाह और नड्डा से शिवराज की मुलाकात भी हुई, मगर शिवराज के रोल को लेकर कोई चर्चा सामने नहीं आयी है।
माना जा रहा है बीजेपी उन्हें अब केंद्र में मंत्री, मध्यप्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष या केंद्र की किसी और भूमिका में शामिल करना चाहती है। मगर शिवराज के बयानों से लगता है कि वह केंद्र की राजनीती में कदम नहीं रखना चाहते है। फिलहाल वे मध्यप्रदेश में ही रह सकते हैं। राज्य में शिवराज काफी लोकप्रिय है। इसीलिए बीजेपी भी उन्हें नाराज़ नहीं करना चाहती होगी। अगले साल लोकसभा चुनाव होने है और मध्यप्रदेश में शिवरज सिंह चौहान एक नामी चेहरा है। जिनके आधार पर बीजेपी मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ती है। अगले कुछ दिनों में शिवराज का स्टैंड और साफ़ हो जाएगा, की वह राज्य में ही रहेंगे या केंद्र राजनीती में शामिल होंगे।