ईरान- इजराइल युद्ध के कारण पेट्रोल-डीजल पर क्या होगा असर, जाने कितने बढ़ेंगे भारत में इनके दाम

srashti
Published on:

इजराइल ने 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमला कर दिया। इसके बाद जवाबी कार्यवाही में इजराइल ने 12 दिन बाद, 13 अप्रैल को ईरान पर हमला कर दिया। मध्य पूर्व में तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर भारतीयों की पॉकेट पर पड़ सकता है।

ईरानी मिसाइलें की तैनाती

ईरान ने इजराइल पर सीधा हमला शुरू करने से एक दिन पहले ओमान की खाड़ी में होर्मुज दर्रे से गुजर रहे एक जहाज को पकड़ लिया था। पुरे विश्व की 20% तेल की आपूर्ति इसी होर्मुज की खाड़ी वाले मार्ग से होती है। यहां ईरान ने अपनी कई सौ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं।

कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से 90 डॉलर प्रति बैरल

जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 90 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। अमेरिकी थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ के मुताबिक, अगर तनाव कम नहीं हुआ तो तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं।

भारत पर क्या होगा असर?

विशेषज्ञों का मनना है कि अगर कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो खुदरा पेट्रोल और डीजल की कीमत पर असर पड़ना तय है। हालांकि, चुनाव के चलते सरकार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी पर कुछ समय के लिए रोक लगा सकती है।

बीते 2 सालों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के चलते सरकारी तेल कंपनियों ने तेल के दाम घटा दिए हैं। ऐसी संभावना थी कि तेल की कीमतों में और गिरावट आएगी, लेकिन मार्च के अंत तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। जो तनाव के कारण और भी बढ़ सकता है। ऐसे में संभावना है कि कीमतों में और कटौती नहीं होगी।