क्या है मनु भाकर और खेल रत्न अवॉर्ड से जुड़ा विवाद, कैसे मिलता हैं ये अवॉर्ड, कौन तय करता है अवॉर्डी के नाम?

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भारत का सबसे प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड, इन दिनों चर्चा में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खेल मंत्रालय की पुरस्कार समिति ने इस बार खेल रत्न अवॉर्ड के लिए जिन नामों की सिफारिश की, उनमें निशानेबाज मनु भाकर का नाम शामिल नहीं था। यह सवाल उठ रहा है कि, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो मेडल जीते, उनका नाम इस सूची में क्यों नहीं है? इस संदर्भ में मनु के पिता राम किशन और उनके कोच जसपाल राणा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

मनु भाकर के पिता राम किशन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को ब्यूरोक्रेट या नेता नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि एक छोटा सा ब्यूरोक्रेट खिलाड़ी की जिंदगी खराब कर सकता है। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए सही सम्मान और पुरस्कार के महत्व पर जोर दिया और इस बात पर दुख जताया कि उनकी बेटी का नाम खेल रत्न के लिए नामित नहीं किया गया। उनका कहना था कि अगर मनु भाकर का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए होता तो यह खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा होता।

मनु भाकर के कोच जसपाल राणा ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि मनु भाकर का नाम खेल रत्न अवॉर्ड की सूची में स्वतः ही होना चाहिए था, क्योंकि वह अपनी कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन के बल पर इसके हकदार हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या ऊंचे ओहदे पर बैठे लोग मनु भाकर और उनकी योग्यता को नहीं जानते?” उनका आरोप था कि खेल की ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक प्रभाव के चलते खिलाड़ियों का सही सम्मान नहीं मिल पाता।

खेल रत्न अवॉर्ड: योग्यता, आवेदन प्रक्रिया और पुरस्कार प्राप्त करने के नियम

भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान माने जाने वाला खेल रत्न अवॉर्ड 1991-92 में शुरू हुआ था और इसे हर वर्ष उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो। इसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर हुई थी, लेकिन 2021 में इसका नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड कर दिया गया, ताकि भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों को भी सम्मानित किया जा सके।

खेल रत्न अवॉर्ड पाने की क्या है योग्यता ?

खेल रत्न पुरस्कार उन्हीं खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले चार साल के दौरान अपनी खेल उपलब्धियों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन किया हो। इसके तहत खिलाड़ियों की प्रदर्शन का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है, जैसे:

  • ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप जैसी प्रमुख प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक जीतना।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन।

साथ ही, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि जिन खिलाड़ियों पर डोपिंग के आरोप होते हैं और जिन्हें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) या WADA द्वारा दंडित किया जाता है, वे निलंबन की अवधि पूरी होने के बाद ही इस पुरस्कार के लिए योग्य माने जाते हैं। निलंबन के दौरान खिलाड़ी के प्रदर्शन पर विचार नहीं किया जाता।

खेल रत्न पुरस्कार पाने का इतिहास

खेल रत्न अवॉर्ड की शुरुआत से अब तक कई प्रमुख एथलीटों को यह सम्मान मिल चुका है। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:

  • विश्वनाथन आनंद: पहले भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर जिन्हें यह पुरस्कार 2000 में मिला।
  • मैरी कॉम, पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, विजेंदर सिंह, सचिन तेंदुलकर, और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी इस पुरस्कार के हकदार रहे हैं।
  • अभिनव बिंद्रा: 2001 में बीजिंग ओलंपिक में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पिस्टल शूटर। वह यह पुरस्कार पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे, जब उन्होंने महज 18 साल की उम्र में यह सम्मान प्राप्त किया।

कैसे कर सकते हैं आवेदन?

खेल रत्न अवॉर्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण शर्तें हैं:

  • आवेदन पत्र भरें: योग्य खिलाड़ी को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा और उसे सही तरीके से भरकर भेजना होगा।
  • स्वतंत्र आवेदन: खेल मंत्रालय की वेबसाइट पर आवेदन करने के लिए किसी भी सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती। खिलाड़ी सीधे आवेदन पत्र भरकर नामांकन कर सकते हैं।
  • सिफारिश करने वाली एजेंसियां: इसके अलावा, संबंधित खेल संघों, जैसे- नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन, BCCI, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और स्टेट स्पोर्ट्स बोर्ड भी खिलाड़ी के नाम की सिफारिश कर सकते हैं। हर एक संस्था को दो नामों की सिफारिश करने का अधिकार होता है।
  • समिति द्वारा चयन: आवेदन प्राप्त होने के बाद, एक पुरस्कार समिति इन नामों पर विचार करती है और यह निर्णय करती है कि किस खिलाड़ी को खेल रत्न पुरस्कार दिया जाना चाहिए। समिति के द्वारा चयनित खिलाड़ियों के नामों की लिस्ट बाद में सार्वजनिक की जाती है।
  • गलत फॉर्मेट और देर से भेजे गए आवेदन अस्वीकार: अगर आवेदन गलत फॉर्मेट में भरा जाता है या निर्धारित तारीख के बाद भेजा जाता है, तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

विवादों पर मनु भाकर ने क्या कहा?

मनु भाकर ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उनका मुख्य लक्ष्य देश के लिए खेलना और अच्छा प्रदर्शन करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वह सम्मान और पुरस्कार की उम्मीद नहीं करतीं, लेकिन अगर उनका नामांकन सही तरीके से नहीं भरा गया था तो उसे सुधार लिया गया है। मनु का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि वह पुरस्कारों के बजाय अपनी मेहनत और देश की सेवा को अधिक प्राथमिकता देती हैं।