भगवान शंकर को महाशिवरात्रि के दिन क्या चढ़ाना होता है शुभ, इस विधि से करें शिव जी की विशेष पूजा

Simran Vaidya
Updated on:
Mahashivratri 2023

Mahashivratri 2023: देशभर में 18 फरवरी यानी आज महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आज के दिन सभी शिव मंदिरों में लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर बेहद ही खास और शुभ संयोग है। ऐसे में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करने से सभी शुभ फलों की प्राप्ति तो होती ही हैं साथ ही भगवान शिव की असीम कृपा भी प्राप्त होगी।

इस दिन भक्तगण भगवान शंकर का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने के साथ साथ धूतरा, बेलपत्र (Belpatra) सहित कई चीजें अर्पित करते हैं, लेकिन इन सभी चीजों में बेलपत्र भगवान शिव को अधिक प्रिय है। इसे बिल्वपत्र भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि पवित्र पर्व है। इस दिन शिव-पार्वती का पूजन कर विशेष फल प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शिव पूजा के 5 नियम, जिनसे प्रभु होते हैं प्रसन्न

Mahashivratri 2023 पूजा विधि

सुबह स्नान के बाद श्वेत वस्त्र धारण करें और फिर भोलेनाथ के सामने निराहार व्रत का संकल्प लें. दिनभर ऊं नम: शिवाय का जाप करें. भोलेनाथ की पूजा में त्रिपुंड का खास महत्व है. सूर्यास्त के बाद शाम के समय शुभ मुहूर्त में घर में पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें.

Also Read: भूतेश्वर महादेव देखते जलती चिताएं, इंद्रेश्वर महादेव दूर करते जलसंकट, गेंदेश्वर मंदिर में 12 ज्योर्तिलिंग, पढ़ें इंदौर के चमत्कारी मंदिरों की कहानी

भगवान शिव की पूजा में क्या करें शामिल

  • महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवलिंग व मंदिर में भगवान शंकर को गाय के कच्चे दूध से स्नान कराने पर विद्या की प्राप्ति होती है।
  • शिव को गन्ने के रस से स्नान कराने पर लक्ष्मी प्राप्त होती है।
  • भोलेनाथ को शुद्घ जल से स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती है।
  • भगवान शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, दूध, फूल औल फल चढ़ाना चाहिए।

महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना से समस्त मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। इस दिन व्रत का महत्व बताया गया है। शिव पूजा में आंकड़े के फूल व बिल्व पत्र का बेहद खास महत्व है।

भगवान शिव की विशेष पूजा में थाली के अंदर ये चीजें जरूर रखें। जैसे कुंकू, हल्दी, गुलाल, अक्षत, जनेऊ के साथ अष्ट गंध या चंदन, आंकड़ा, बेलपत्र, मेहंदी चन्दन का इत्र, पुष्प, फूलों की माला, वस्त्र भांग आदि वस्तुएं शामिल हो। शिवलिंग को ॐ नमः शिवाय के उच्चारण के साथ जल चढ़ाकर पंचामृत से अभिषेक करें। जल अर्पण कर कुंकू आदि चढ़ाएं और आस्थानुसार भोग (बोर, मिठाई) अर्पण तथा आरती करें। यदि संभव हो सके तो पूजा-अर्चना के साथ भांग या मावे का श्रृंगार भी करें।

  • कुश का आसन
  • शिवलिंग
  • गंगाजल
  • आंक के फूल, गुलाब पुष्प
  • पंचामृत (घी, गाय का कच्चा दूध, दही, शहद, शक्कर)
  • पंच मेवा, पांच मौसमी फल, पांच प्रकार की मिठाई
  • शिवा मुठ्‌ठी (गेहूं, काला तिल, अरहर दाल, अक्षत, मूंग)
  • पान के पत्ते, लौंग, इलायची, सुपारी
  • भांग, भस्म, केसर, रुद्राक्ष, मौली
  • बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र
  • सफेद चंदन, गन्ने का रस, हलवा
  • अबीर, गुलाल, भोडल, कपूर, इत्र
  • मां पार्वती के लिए सुहाग सामग्री
  • महाशिवरात्रि व्रत कथा पुस्तक
  • दान – कंबल, दक्षिणा, वस्त्र, अन्न

शुभ मुहूर्त 18 फरवरी 2023

  • अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:29 से 01:16 तक
  • अमृत काल : दोपहर 12:02 से 01:27 तक
  • गोधूलि मुहूर्त : शाम को 06:37 से 07:02 तक

महाशिवरात्रि के दिन पूजा के लिए चार प्रहर का मुहूर्त (Mahashivratri Puja Time)

  • प्रथम प्रहर: 18 फरवरी शाम 06:45 से 09:35 तक
  • दूसरा प्रहर: 18 फरवरी रात 09:35 से 12:24 तक
  • तीसरा प्रहर: 18-19 फरवरी रात 12:24 से 03:14 तक
  • चौथा प्रहर: 19 फरवरी सुबह 03:14 से 06:03 तक

Also Read: बाबा महाकाल की नगरी में आज बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, 21 लाख दीपों से जगमग होगी उज्जैन नगरी