‘रामलला’ की मूर्ति को लेकर ये क्या बोल गए मूर्तिकार अरुण योगीराज- गर्भगृह में जाते ही बदल गए भगवान..

Shivani Rathore
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Ram Mandir : अयोध्या में 22 जनवरी को हुई राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ख़बरों का दौर लगातार जारी है। इसी कड़ी में एक चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है, जिसमें ‘रामलला’ की मूर्ति निर्माण करने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने एक से सबको हैरान कर दिया है। उनका कहना है कि, भगवान रामलला अंदर जाते ही बदल गए, गर्भगृह में जो मूर्ति लगाई गई है, वह मैने नहीं बनाई है।

हालंकि इस बात के पीछे की वजह कुछ और ही है। दरअसल, उन्होंने जो कहा उसमे उनके बोलने का अंदाज कुछ यू है कि जब उन्होंने मूर्ति बनाई थी तब उसकी छवि अलग दिखाई दे रही थी और जब मूर्ति को गर्भगृह में प्रवेश कराया गया जब उसकी पूरी छवि ही बदल गई थी। मेरे लिए यकीन कर पाना मुश्किल था की ये मूर्ति मैंने बनाई है।

मैं जब गर्भगृह में मूर्ति के दर्शन करने पहुंचा तो मेरी नजरे मूर्ति पर टिकी की टिकी ही रह गई। अपने साथ मौजूद लोगों को भी इस बारे में कहा था कि यह दैवीय चमत्कार है या कुछ और परंतु मूर्ति में काफी बदलाव हो गया था। वहीं एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में अरुण योगीराज ने बताया कि यह मेरे पूर्वजों की 300 सालों की तपस्या का परिणाम है। मुझे इसी कार्य के लिए शायद ईश्वर ने धरती पर भेजा है ताकि मैं इस जन्म में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति बनाऊं, यह मेरे प्रारब्ध में था। मूर्ति को देखने के बाद से अभी मैं किन भावनाओं से गुजर रहा हूं यह शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

2 दिन में 3 करोड़ 17 लाख का चढ़ावा

गौरतलब है कि प्राण प्रतिष्ठा के दो दिनों बाद ही नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रामभक्तों ने रिकार्ड तोड़ 3 करोड़ 17 लाख का चढ़ावा अर्पित किया। इसके साथ ही प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी ने रामभक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि राम आस्था भी है राम आधार भी है। राम लला के विराजमान होने पर देश के विकाश की बात कही थी। इससे पहले 11 दिनो तक अनसन कर तप किया था। इस दौरान वो अन्न का सेवन नही करते थे साथ ही जमीन पर शयन करते थे।