देश में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से प्रदर्शन जारी है, किसानो द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन जारी है, इन आंदोलन के चलते बीते कई महीनों में किसान और सरकार के बीच कई बैठके भी संपन्न हुई जोकि पूरी तरह बेनतीजा रही थी। इसके बाद अब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है जिनकी तारीखों की घोषणा हो चुकी है। लेकिन इन विधानसभा चुनावो को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासी जंग ममता सरकार और भाजपा के बीच छिड़ी हुई, इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा फैसला कर दिया है।
बता दें कि बंगाल के विधानसभा चुनावो की तारीखों के एलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने भी अपना फैसला सुनाया है, जोकि एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधने का सीधा तरीका लग रहा है। दरअसल बंगाल में चल रही इस चुनावी जंग के बीच संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 12 मार्च को बंगाल में रैली की जाएगी, यह फैसला संगठन ने इस पांच चुनावी राज्यों में कृषि कानूनों को लेकर अभियान चलाया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के इस अभियान में लोगों को बताया जाएगा कि मोदी सरकार किसानों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही है। साथ ही इस एलान ये भी कहा गया है कि “जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों में SKM भारतीय जनता पार्टी की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को दंडित करने के लिए जनता से एक अपील करेगा, और किसान यूनियन चुनावी राज्यों में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगे।
बता दे कि बंगाल में इस अभियान में संयुक्त किसान मोर्चा प्रतिनिधि भी राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते नजर आएंगे। बंगाल में होने जा रहे संयुक्त किसान मोर्चा के इस अभियान के बारे में संगठन के पदाधिकारी योगेंद्र यादव ने बताया है कि “10 ट्रेड संगठनों के साथ हमारी मीटिंग हुई है, सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों का जो निजीकरण कर रही है उसके विरोध में 15 मार्च को पूरे देश के मजदूर और कर्मचारी सड़क पर उतरेंगे और रेलवे स्टेशनों के बाहर जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे”