कोलकाता: पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे है वैसे ही बंगाल से कई बड़े खबरे सामने आ रही है। टीएमसी और बीजेपी के बीच छिड़ी इस सियासी जंग में आज बीजेपी ने पिछड़े वर्ग जाती यानि की ओबीसी को अपनी तरफ लेने के लिए एक नया दांव खेला है। इस दांव के लिए पार्टी की ओर से जेपी नड्डा आगे आए है।
विधानसभा चुनाव को लेकर बंगाल में प्रचार जोरो पर है और इस दौरान कोतुलपुर में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि बीजेपी अगर सत्ता में आई तो महिष्य और तेली जाति के लोगों को ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए एक आयोग का गठन किया जायेगा।
इतना ही नहीं जेपी नड्डा के इस एलान को लेकर बंगाल में बीजेपी के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने इस बारे में एक ट्वीट भी किया है। इस जनसभा में उन्होंने कहा है कि “ममता बनर्जी ने अपनी वोट बैंक की तुष्टिकरण की राजनीति के चलते हिंदू धर्म की अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियां जैसे महिष्य, तेली आदि लोगों को उनके आरक्षण के अधिकार से वंचित रखा है, और अब हमारी सरकार आएगी, फिर आयोग बैठाएंगे और मंडल कमीशन में जो जातियां लिखी हैं, उनको सम्मान देकर, प्रयास करेंगे कि इन लोगों को भी मुख्य धारा में जोड़ा जायेगा।” इस बात ने पिछड़ा वर्ग के लोगों पर काफी प्रभाव डाला और बंगाल में चुनाव को लेकर अब बीजेपी की पकड़ और भी मजबूत होती जा रही है।
साथ ही जेपी नड्डा ने बंगाल की CM ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि “बंगाल की एक रिपोर्ट में आया है और नेशनल कमीशन ऑफ़ कास्ट ने भी यह कहा है कि बंगाल में सुरक्षित जाति की महिलाओं के साथ जो रेप और दुर्व्यवहार होता है और उनकी जो प्रताड़ना की जाती है, बंगाल पुलिस उसका केस रजिस्टर नहीं करती।”
इतना ही उन्होंने ममता बनर्जी पर एक और तंज कसते हुए कहा है कि -‘ममता जी ने यहां दुर्गा विसर्जन और सरस्वती पूजा नहीं होने दी, लेकिन मुहर्रम के समय कोरोना के दौरान भी कर्फ्यू हटा दिया, अच्छी बात है, कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जब अयोध्या में शिलान्यास का समय आया तो क्यों कर्फ्यू लगा दिया।’