इस वर्ष रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन 12 यानि आज मनाई जा रही है.
इस वर्ष रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन 12 यानि आज मनाई जा रही है.
दीपावली पर्व पर पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का आप ध्यान रखें तो निश्चित रूप से महालक्ष्मी माता प्रसन्न होकर आपके द्वार आएगी और वर्ष भर अन्न-धन के भंडार भरे रहेंगे.
दीपावली पर्व पर पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का आप ध्यान रखें तो निश्चित रूप से महालक्ष्मी माता प्रसन्न होकर आपके द्वार आएगी और वर्ष भर अन्न-धन के भंडार भरे रहेंगे.
सबसे पहले तो यह कि पूजा में बैठें तो जोड़े से यानी पति-पत्नी दोनों बैठें और पूजन करें.
सबसे पहले तो यह कि पूजा में बैठें तो जोड़े से यानी पति-पत्नी दोनों बैठें और पूजन करें.
सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करें, फिर पूजन कलश स्थापना करें, लक्ष्मी प्रिय कल्पों की पूजा करें जैसे कौड़ी, शंख आदि.
सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करें, फिर पूजन कलश स्थापना करें, लक्ष्मी प्रिय कल्पों की पूजा करें जैसे कौड़ी, शंख आदि.
धनतेरस के दिन जिन नये सिक्कों को खरीदा है उनकी पूजा करें.
धनतेरस के दिन जिन नये सिक्कों को खरीदा है उनकी पूजा करें.
इस पूजा के समय आप घर में जितने भी पुराने सिक्के हैं, जो आपने पिछली धनतेरसों पर खरीदे हैं, उन्हें भी नए सिक्कों के साथ अभिषेक कर पूजा करें.
इस पूजा के समय आप घर में जितने भी पुराने सिक्के हैं, जो आपने पिछली धनतेरसों पर खरीदे हैं, उन्हें भी नए सिक्कों के साथ अभिषेक कर पूजा करें.
पूजा के बाद महालक्ष्मी को अंजरी मुद्रा बनाकर सुख-समृद्धि का वर मांगे, महालक्ष्मी को हाथ नहीं जोडने हैं, अंजरी मुद्रा बनानी है.
पूजा के बाद महालक्ष्मी को अंजरी मुद्रा बनाकर सुख-समृद्धि का वर मांगे, महालक्ष्मी को हाथ नहीं जोडने हैं, अंजरी मुद्रा बनानी है.
पहले महालक्ष्मी के समक्ष ही यानी पूजा स्थल पर एक-दो पटाखे शगुन रूप से छोड़ें और फिर बाहर जाकर पटाखे छोडें, पूजन सामग्री को वहीं छोडकर आप पूजा कक्ष से बाहर आ जाएं.
पहले महालक्ष्मी के समक्ष ही यानी पूजा स्थल पर एक-दो पटाखे शगुन रूप से छोड़ें और फिर बाहर जाकर पटाखे छोडें, पूजन सामग्री को वहीं छोडकर आप पूजा कक्ष से बाहर आ जाएं.