बड़ो के साथ-साथ अब बच्चों में भी तेजी से अस्थमा की समस्या देखने को मिल रही है.

जिसकी कई वजहें हो सकती हैं, समय रहते इसके इलाज के उपायों पर ध्यान न दिया जाए तो यह और ज्यादा गंभीर हो सकता है।

अस्थमा" शब्द ग्रीक शब्द 'आज़िन' से लिया गया है, जिसका मतलब  है "मुंह खोल कर सांस लेना- हांफना।

स्टडी के अनुसार, वायरस फेफड़ों को संक्रमित करते हैं, जो अस्थमा के लिए एक बड़ी वजह बन गया है.

सिगरेट पीने पर निकलने वाला धुआं भी बचपन में होने वाले अस्थमा का एक महत्वपूर्ण वजह है.

धूम्रपान की वजह से बच्चों में ये बीमारी तेजी से होने की संभावना होती है.

अस्थमा से पीड़ित बच्चों को अक्सर खांसी और घबराहट सी होती है, इसके साथ ही सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.

अस्थमा से पीड़ित बच्चों का इलाज होम्योपैथिक उपचार से करते है, जिससे  उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर होने वाले बदलावों और उतार-चढ़ाव की भी पड़ताल की जाती है.