दिवाली के दिन मां लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर जी की पूजा की जाती है, पुराणों की मानें तो कार्तिक माह भगवान श्रीहरी विष्णु मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है.

भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं और मां लक्ष्मी समस्त सुखों को प्रदान करने वाली देवी, यही वजह है कि पूरे कार्तिक महीने में लोग भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करती है.

आपने अक्सर तस्वीरों में मां लक्ष्मी को भगवान श्रीहरि के चरण दबाते देखा होगा, लेकिन क्या इसके पीछे की वजह जानते हैं.

एक पौराणिक कथा में इसके बारे में बताया गया है, ऐसा माना जाता कि देवर्षि नारद जी ने भी मां लक्ष्मी से इस बारे में सवाल किया था.

देवी लक्ष्मी ने उत्तर देते हुए कहा -  मनुष्य हो या फिर देवता, ग्रहों का प्रभाव सभी पर समान रूप से पड़ता है, स्त्रियों के हाथ में देवगुरु निवास करते हैं

इसके अलावा पुरुष के पैरों में दैत्यगुरु शुक्राचार्य का वास होता है, जब कोई स्त्री अपने पति के चरण स्पर्श करती है तो देव-दानव का मिलन होता है और इससे धनलाभ होता है, यही कारण मां लक्ष्मी श्रीहरि के चरण दबाती हैं.

कहा जाता है कि मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के पैर अपनी बहन अलक्ष्मी के कारण भी दबाती हैं.

अलक्ष्मी ने कहा कि जहां भी लक्ष्मी जी जाएंगी, वह उनके साथ जाएंगी, उनकी ये बात सुनकर लक्ष्मी जी ने उसे श्राप देते हुए कहा कि जहां ईर्ष्या, लालच, आलस, रोष और गंदगी होगी वहां तुम निवास करोगी.

इसके अलावा एक और वजह ये भी है की मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों की गंदगी दूर करती रहती हैं.