हर साल 31 अक्टूबर को हैलोवीन मनाया जाता है, ज्यादातर यूरोप और अमेरिका के देशों में ये त्यौहार मनाया जाता है.
हर साल 31 अक्टूबर को हैलोवीन मनाया जाता है, ज्यादातर यूरोप और अमेरिका के देशों में ये त्यौहार मनाया जाता है.
हैलोवीन का नाम लेते ही भूतिया चेहरे और कद्दू का जिक्र मन में आता है.
हैलोवीन का नाम लेते ही भूतिया चेहरे और कद्दू का जिक्र मन में आता है.
हैलोवीन में लोग कद्दू को खोखला करके उसमें आंखे, नाक, मुंह बनाकर उसके अंदर कैंडिल रखते हैं.
हैलोवीन में लोग कद्दू को खोखला करके उसमें आंखे, नाक, मुंह बनाकर उसके अंदर कैंडिल रखते हैं.
लोग ये ऐसा इसीलिए करते है ताकि वो अंधेरे में और डरवाना लगे, इन कद्दूओं को हैलोवीन कहा जाता है.
लोग ये ऐसा इसीलिए करते है ताकि वो अंधेरे में और डरवाना लगे, इन कद्दूओं को हैलोवीन कहा जाता है.
ईसाई समुदाय में 31 अक्टूबर को सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन माना जाता है, अगले दिन से नए साल की शुरुवात मानी जाती है.
ईसाई समुदाय में 31 अक्टूबर को सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन माना जाता है, अगले दिन से नए साल की शुरुवात मानी जाती है.
माना जाता है इस दिन भूतों के गेटअप में कपड़े पहनने से, भूतों की तरह तैयार होने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है.
माना जाता है इस दिन भूतों के गेटअप में कपड़े पहनने से, भूतों की तरह तैयार होने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है.
इन बुरी आत्माओं से डर भगाने के लिए लोग डरावने या भूतिया कपड़े पहनते हैं.
इन बुरी आत्माओं से डर भगाने के लिए लोग डरावने या भूतिया कपड़े पहनते हैं.
लोग हेलोवीन के गेटअप में तैयार होते हैं, इन्हें भगाने के लिए हर जगह आग जलाकर उसमें मरे हुए जानवरों की हड्डियां उसमें फेंकी जाती है.
लोग हेलोवीन के गेटअप में तैयार होते हैं, इन्हें भगाने के लिए हर जगह आग जलाकर उसमें मरे हुए जानवरों की हड्डियां उसमें फेंकी जाती है.