हिन्दू धर्म में कार्तिक मास में हर साल शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है.

दिवाली के एक दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है और इसके अगले दिन ही भाई दूज मनाया जाता है.

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है और गिरिराज जी के साथ ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है.

लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा दिवाली के 2 दिन बाद 14 नवंबर को पड़ रही है, इसलिए आपको गोवर्धन पूजा के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा.

हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है, इस दिन की गई पूजा भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होती है.

गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्ध परिक्रमा करने की भी मान्यता है, इस दिन गोवर्धन भगवान को 56 भोग भी लगाया जाता है.

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त भगवान गिरिराज की पूजा करता है तो उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और गोवर्धन देवता का आशीर्वाद उसपर और उसके पशुओं पर बना रहता है.

इस दिन गोवर्धन भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रहे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, इसके अलावा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है जिससे घर में खुशहाली और उन्नति बनी रहती है.